सरल निबंध माला | Saral Niband-mala
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
258
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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काल से सम्वंघ रखते हैं और ४+ देशीय होते हैं । सिशनसिश
अकार के वर्सनात्मक लेमे नि. सखि अकर से बाते. 'झानी
'चादियें | 4
भनुष्य, पयु-पसती आदि आसी के चिपूर्था में .
भूमि का, जा ति ५ अन्य, का रदत हद, दर रचना, खान-पान)
सवरथा, हानि-लाभ, उपसद।९ (मय्य के-विषय मे ७८ कितनी
शिक्त पाई है, वह किस धर्म को है रौर उसके जीवन की सुख्य न रच
भथा हैं) । | |
थाना था सेर | „ “ हि
भूमिका, चाना को कारण, तेनासौ केसे की? कव तेथारी की, भोग
को घटनाओं को चर्खुल, ठह्दरसें का स्थान और उसका चुन, लौटने
चण वसन, <+ म क चलदनाय „+ यचा सैर से भि(ायं, ८५७६।९.।
चृत ५१ पोधे आदि
भूमिका, कहां पाया जात। है, जाति) कर्ति तर्द्की जलवायु
चाहिये ? कैसी भूमि चाहिये है किस न८छु में चैदा होता है? हानि
था लाभ, उपसंहार |
* बर्बत आदि ।
# भूमिक 1 स्थिति, प्रसिता का का, विहता, जज्गसञ प दियांज
खनिज पढ़ा, नगर-गांव, यद्दां के निवासी; पर्वत के जाम एवं हानि, ,
उपहर ।
नगर गाव आदि
भूमिका, स्थिति, गामक्रर्य् करन् रोर कैसे इ ? च[ ५ &
है ¶ जनस्लरूथा, सख्य उद्योग, निचासी , शासन, उपसंह्(र |
विवस्थात्मक सख
इन लेखों को 'ास्वानात्मक निवल्य मी कहते हैं। ये वास्तव में
अूतकासीन घटनाओं के विपय में विवरण भाज द्योता हे) समी
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