हिन्दी के आधुनिक पौराणिक प्रबन्ध - काव्यों में पात्रो का चरित्र विकास | Hindi Ke Adhunik Pauranik Prabandh - Kavyon Main Patro Ka Charitra Vikas

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Hindi Ke Adhunik Pauranik Prabandh - Kavyon Main Patro Ka Charitra Vikas  by डॉ मालती सिंह - Dr. Malti Singh

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about डॉ मालती सिंह - Dr. Malti Singh

Add Infomation AboutDr. Malti Singh

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
तुलसी के पश्चात केशवदास प्राणचन्द चौहान व॒ हृदयराम भत्ला आवि कणिर्यों का नाम महत्वपूर्णं हे । केशवदास यद्यपि श्रूगारी कवियों में आते हैं, किन्तु उन्होने मिथकीय रचना भी की है । रामचन्द्रिका केशवदास की मिथकाध्रित काव्य रचना है । रामचन्दरिका दो भाग तथा उन्तालीस प्रकाशं में निबद, रचना हे । प्रथम भाग मेँ 20 प्रकाश है, इसमें राम के बचपन से लेकर रावण वध तक की क्था का वर्णन किया गया है । दितीय भाग में राम भरत मिलाप राम का तिलकोत्सव रामराज्य का वर्णन शम्बृक वथ लवणासुर वध आधि प्रसगाः का चित्रण है । प्राणचन्द चौहान नै रामायण महानाटक लिखा इसमे राम के चरित्र को बणित क्या गया है । हृवयराम भल्ला का मिथकाश्रित रचना हनुमन्नाटक दहे । इस परम्परा के कवियों ने धर्म और समाज के छेत्र में अपने व्यापक समन्वयवादी-दृष्टिकोण का परिचय विया । इन मिथकीय चरित्र के माध्यम से समज के समक्ष तदनुकूल आदर्श प्रस्तुत किया । साहित्य का प्रणयन जीवन का व्यप्के आधार लेकर विकसित हुआ धा । अत उसमें राम के लोकोपकारी रामराज्य सस्थापक रूप के साथ ही लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न हनुमान आदि पात्रों का वर्णन प्राप्त होता हे । तथा उनके सहारे मानव जीवन के व्यापक आदर्शं की स्थापना के लिए सभी पात्रीं के पास्परिक सम्बन्धा को सूत्र स्प में गधित करके प्रस्तुत किया गया है । -2. 1 रामचन्दरिका - केशवदास 2- आधुनिक “हिन्दी काव्य ओर पुराण कथा - डा0 मालती सिह पृ0-14




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now