पैंतीस बोल तथा शिखामणादि संग्रह | Pentis Bol Tatha Shikhamnaadi Sangarh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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५९ याश्रव, ५ यागा्रव, ६ हिंसा करना यह प्राणातिपाताश्रव, '७ सूपावादाश्रव, चोरी करना यह <८ अदुत्तादानाश्रव, ९ कुशीलाश्रव, १० परिमरह रखना सो परिदाश्चच, १९१ भरोत्रेद्विय- भोकरी राखे सो श्रोतरद्रियाश्नव, १२ चक्ुरिं त्रिय से मोकंटी राखे सो चश्च॒रिट्रियाश्रव, १२ घाणेद्रिय मोकटी राखे सो घार्णेदियाश्चव, १४ रलेद्रिय मोकरी राखे सो रसेदरिया्रव, १५ स्परशद्रिय मोकठी राखे सो स्पर्दोद्रियाश्नव, उसी तरह मन आदि तीन को मोकला राखे सो १६ मनाश्चच, १७ वरचनाश्चव ओर १८ कायाश्चव, १९ भडोपगरण छेने ओर मूकने की अजयणा करे सो भंडोकरणाश्चव, २० शुचि कुसग सेवन करे सो ऊलगाश्रव-इस पकार वीर भद्‌ हवे । सवर के बीश मेद है-१ समकितसंवर, २ बतपञ्चखाणसवर, ३ अप्रमादसंवर, £ अकं




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