हमारे बालक - बालिकाएँ | Hamare Balak Balikayan

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Hamare Balak Balikayan by फ्लोरा एच॰ विलियम्स - Flora H. Viliyams

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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आज्ञापासन-पहली चाव # क १३ कल्पना कीजिये [क एक पन्द्रह मर्हीन का ¡द्यु एक सुन्द्र गलीचे पर यंठा जामुन खा रहा हैं ! दृ जामुन दानी आर पड़ी ह ता दृछ बां ओर; वृ सामन ह चा दृ मह म, वुछ कञ्च पर हो, - तो यछ चधा मं । बह प्रसन्न चेच क्र जामुन मुद मं भरता जा च्छा हं । इस समय उम की एसी जव वनी दं हा कि पुंदी दोस कर हंसी जा जाए । हुआ यह [क जल्दी मं नांक्र नं वाजार सं ला कर जामुनां की वैकरौ बुर्सी पर रख दी जार काम में लग गया आर जब धांड़ी दर में आ कर दा तो यह ठा 1 वन आने कों इसे चेतावनी मिल गईं | चालवों के क्षण में दमे सामान्य वदध से काम लेना चाहिये अरि घर कं नकर चाकर क भी यदौ वात सिखानी चाद्ये । जामुन जंसी वस्व च्रे तो ख॑र दूर उठा चर क्खाजा सकना हूँ, परन्तु एसी भी तो वदहुत सी वरतृए ह जन से वालको वें खेलना नहीं चाहिये आर उन्हों उठा चर दूर भी नदी ररवा जा सकता । जत, सब से ्जचत वाव ता यही हं कि न तां वच्चां के सामने से प्रत्येक आकर्षक बस्तु को हटाया जाए जार न टी उस पर इतना भरेसा कर लिया जाए कि अप क पीठ गुडन पर {किसी चीज को हाथ न लगाएगा | अतः साधारण सूप, सं यही सिखाया जाए {क “इसे मत छओं,'' उसे मन छजी'' । इस प्रकार की शिक्षा का सम्बन्ध एसी वस्तुओं सं छना चाहियें जिन तक यच्चा सरलवापूर्वक पदुच सक्ता हो आंर यच्च क घुटनां -चलने सै पूं ह से यट शिक्षा आरम्भ हा जानी चाहिए, फिर आगे चल फर यदौ क्षण दरद रक्खी हइ स्तुम कं सम्बन्ध मे भी जारी रक्खा जाए 1 इस के वाद्‌ वालक फ कतूदल कौ तुप्वि के लिये उसे गोद में विटा कर र्जित वस्तु च्रे मली मति दोलने-भालन छा उस अवतरं दिया जाए, आर जव वह वस्तु अपने ठिकाने पर स्व दौ जाए, तो प्र उसें न छुने दोना चाहिए | इस समस्या के समाधान का र्वाधयां जिस चर्तु पर वालक का मन चै, उस को उत्त के सामन से हटाने में बड़ी सावधानी की आवइयकता ती द॑ ¡ जव तके वच्चा आप के यह मे द द कटने पर दय मं उठाई वस्तु आप कौ दनान सीख लै, ततम तकर यदी वेहतर चेमा कि उसं दडः एसा लाना थमा {दिया जाए जस में युरव ही उस का मन लग जाए्‌॥1 याद उत्त के हाय मं से वीदं यस्तु लेनी पड़ जाए तो मुस्करते हए बिना कसी घबराहट आं ऋध फ ले लीजिए । इस प्रकार उसे यु भी न लगेगा आर बह रुप्ट भी न घंगा | एक चात सिसानें के वाद तुर्व ही दःसरौ न सिखाइये 1 याद आप ने एसा किया वां सम्भव हाँ दि बच्चा इतना घबरा जाए कि उसे दोनों में से एक मी याद नष्टे | “ते न एयो ” जसी यत सती यातेः सिखा जा सवती ष्ट | चौक आज्ञापालन एक आदन द. हर्तालये इस [स्िदृयांत का टृतापूवंक पालन पना चादि । जव आप एकं यार यच्च से वक्सी वाच शे कलं या न चने खे क्ट द. तो {फर एस वात ख ध्यान सखये क हस र प्रातच्ल कह सात न धे | आज्ञापनं क आदत हत प्रकार नटी पड़ती चि यच्चा कमी आज्ञा माने आर फमी न माने | प्राय: जव बच्चा कसी याजिंत यान षो करनं छौ इच्छा प्रकट दत्ता हं. तो माना या {पता तुरन्त




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