अपने हितैषी बनो | Apane Hitaishi Bano
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
70
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अपने हितैषी वनो,
स्वास्थ्य और बल को बढ़ा सको कि जिससे तुम प्रत्येक अवसर:
का महान अवसर वना सको । कठिनाई यह है कि तुम में से
चहुत सों को मनुष्य की विलक्षणता और पवित्रता का ज्ञान
नहीं हैं और न उस पर विचार करते हो अर्यात् तुम स्वयं
अपने रुप से अनभिन्न हो । याद् रक्खलो यह कोरे साधारण
वस्तु नहीं है । वह साक्षात् ईदवर का ङ्प है । देद्वर उसमें
वास करता है। उसकी आत्मा में इंदवरीय गुण विद्यमान है ।
केवर उख पर आवरण पड़ा इ है । विपय वासना भौर
इन्द्रिय खुखों मृ उन्मच टोने के कारण वह अपने सूप भौर
स्वरूप को भूला हा हं । अतप्व तुम्हें उचित है कि तुम
अपने छो तुच्छ ओर धचृणित ओर दुर्बक ओर निःशक्त न
समझो किन्दु अपने में इंदवरीय गुणों का अनुभव करो। अपनी
आत्मा को परमात्मा समझो । तुम्हारे भीतर अनत शक्ति
मौजूद दै । उसे उपयोग मे लाभो, फिर देखो तुम कितनी
जल्दी उन्नति करते हो । तुम में जोकुछ कमी है वह इसी कारण
है कि तुम अपने को तुच्छ समझते हो ओर पाशविक व़ृतियों
हुए; हो । अपने को उच्च समझो, इंदवरका रूप समझो
तमी तुम उन्नति कर सकते हो ।
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