अपने हितैषी बनो | Apane Hitaishi Bano

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Apane Hitaishi Bano by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अपने हितैषी वनो, स्वास्थ्य और बल को बढ़ा सको कि जिससे तुम प्रत्येक अवसर: का महान अवसर वना सको । कठिनाई यह है कि तुम में से चहुत सों को मनुष्य की विलक्षणता और पवित्रता का ज्ञान नहीं हैं और न उस पर विचार करते हो अर्यात्‌ तुम स्वयं अपने रुप से अनभिन्न हो । याद्‌ रक्खलो यह कोरे साधारण वस्तु नहीं है । वह साक्षात्‌ ईदवर का ङ्प है । देद्वर उसमें वास करता है। उसकी आत्मा में इंदवरीय गुण विद्यमान है । केवर उख पर आवरण पड़ा इ है । विपय वासना भौर इन्द्रिय खुखों मृ उन्मच टोने के कारण वह अपने सूप भौर स्वरूप को भूला हा हं । अतप्व तुम्हें उचित है कि तुम अपने छो तुच्छ ओर धचृणित ओर दुर्बक ओर निःशक्त न समझो किन्दु अपने में इंदवरीय गुणों का अनुभव करो। अपनी आत्मा को परमात्मा समझो । तुम्हारे भीतर अनत शक्ति मौजूद दै । उसे उपयोग मे लाभो, फिर देखो तुम कितनी जल्दी उन्नति करते हो । तुम में जोकुछ कमी है वह इसी कारण है कि तुम अपने को तुच्छ समझते हो ओर पाशविक व़ृतियों हुए; हो । अपने को उच्च समझो, इंदवरका रूप समझो तमी तुम उन्नति कर सकते हो । २९




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