पत्थर की आँख | Patthar Ki Aankh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
152
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand) तरव में चोट लगने की वजह से उनकी दोनों आँखे खराब
हो गई है द
दाम के वक्त किरती छोड़ दी गयी । नाव में बाहर. खड़े हो
कर , एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए गुलशाद और जमील सफेद
मोटर-बोट को गौर से देख रहे थे। उस वक्त वहाँ से नारी
कंठ की अपूर्वं संगीत-लहरी आ रही थी ।
जिन्दगी की चट्टान पर खड़ी हो कर बह मौत से लड़
रही थी !
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