पंच - प्रदीप | Panch - Pradip

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : पंच - प्रदीप  - Panch - Pradip

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about शान्ति - Shanti

Add Infomation AboutShanti

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
१८ पंच-प्रदोष ४ जीवन पर अधिकार हे ! शशव पर पाकर विजय, कुसुमों से इतिहास लिख, अधरो के उन्माद से, चल-नयनों की प्यास लिख, दुवे मानव को मिला यौवन पर अधिकार ह! जीवन पर अधिकार हैं क्रमश: जीवन-मंच पर सुख-दुख अभिनेता बने, द्र्य यवनिका के रहें, कुछ हसते, कुछ अनमने, मृदु भावों को रुदन पर, गायन पर अधिकार हे! जीवन पर अधिकार हं | प्रात उतर आता कि जब निशि के मौन निकेत से, मधुऋत्‌ आ जाती यहाँ पतभर के संकेत सं तब, प्यासी मरुभूमि को सावन पर अधिकार ह! जीवन पर अधिकार हे !




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now