आगम दर्पण | Aagam Drapan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Aagam Drapan  by कपिल भाई - Kapil Bhai

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about कपिल भाई - Kapil Bhai

Add Infomation AboutKapil Bhai

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
लगभग भ्रा. वीरसेन ७९ ९-५८२३ ८७०८८ ` 7 जिनसेन षट्खण्डारम भ्रोर कंषाय पाहुड पर धवल,जय धवल की टोकाएँ जय धवला की श्रधूरी टोका (श्रा, वीरसेन प्रापने पूरीकी एवं महापुराणः के शिष्य) ८०३-८९१६ श्रा. गुर भट्ट ६-१०वीं दा. भ्रा. हरिषे ८९३-६४३ ' देवसेनं ६२५-१०२३ “” प्रभाचन्द्र ६४१ कचि पेम्प ६४२ भ्रा. पद्मकीति ९४३ ” बौरनन्दी ६४३-६६८ ” सोमदेव प्र. ९६५०-६६० ”“ रविभद्र ६६२-१०५५ ' भ्रमृतचन्द्र ६८८ कवि श्रसग ११वीं शता. झा. नयनत्दि €९३-१०४३ “” पदयनन्दि भ्र. बद्धमानपुराण,पाश्वम्युदय काव्य महापुराण का शेषकायं श्रजीतनाथ से महावीर पयन्तं का चरित्र, उत्तर पुराण, जिनदत्त चरित्र कथाकोष प्रथ १५७ कथायं दशंनसारभावसग्रहःभ्राराधनासार, धमे संग्रह कथाकोष भ्रादिनाथ पुराण पाश्वेनाथ पुराण चन्द्रप्रभरु चरित्र नीति वाक्यामूत, यशस्तिलक चम्प्‌ भ्राराधनासार पुरुषाथं सिद्धि उपाय वद्धंमान चरित्र, शान्तिनाथ पुराण सुदसर चरिउ, सयलविहि विहाण कञ्च जम्दरद्रीप पण्णात्ति ( 11 )




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now