राष्ट्रीय आय लेखा पद्धति | Rashtriy Aay Lekha Paddhati

Rashtriy Aay Lekha Paddhati by के॰ एस॰ रेड्डी - K. S. Reddi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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8 हमारे घरेलू उत्पाद के एक भाग का विदेशियों द्वारा खरीदा जाना। इसका अर्थ है कि वे अपनी राष्ट्रीय आय का एक भाग अन्य देश के घरेलू उत्पाद पर व्यय करते हैं। वस्तुओं व सेवाओं के राष्ट्रीय आय लेखा पद्धति उत्पादन 1.24. उत्पादन की सामान्य परिभाषा वस्तुओं व सेवाओं का जुटाना है । वस्तुं व सेवाएँ, जिन्स भी प्रकार, यदि विदेशी परिसम्पत्तियाँ विदेशी दायित्व कहलाती हैं। उत्पादन के अन्तर्गत निम्न बातें दिनदारियों) से अधिक है और विदेशों को दिए आती है: जाने वाले ऋण उनसे लिए जाने वाले ऋण से अधिक है, तो एक देश को प्राप्त होने वाले ब्याज, लाभ व लाभांश उस देश द्वारा दिए जाने वाले इन भुगतानों से अधिक होंगे। इसका अर्थ है कि राष्ट्रीय आय, घरेल उत्पाद से अधिक है। यदि एक देश को प्राप्त होने वाले उपहार (प्रेषण) उससे ' अधिक है जो वह अन्य देशों को भेजता है तो वह अपनी राष्ट्रीय आय की अपेक्षा अधिक उपभोग और अधिक बचत करने में सक्षम होगा। अगले अध्यायों में हम इस पर और विवेचना करेंगे। ^ मूल आर्थिक क्रियाएँ 1.23. ना क्रियाएँ मूल रूप से उत्पादन, उपभोग और पुँजी निर्माण हैं। पूँजी.निर्साण को पूँजी संचय या सम्पतिनस्टॉक में वृद्धि भी. कहा जाता है। इन तीन प्रवाहों को विस्तार से समझना .अनिवार्य है क्योंकि राष्ट्रीय आय लेखा इन्हीं के मापन से सम्बन्धित हे! इन तीन क्रियाओं को चित्र 1.1 में ` दर्शाया गया है। भूल आर्थिक क्रियापै पूँजी निर्माण चित्र 1.1 . (1) वे सभी वस्तुएँ व सेवाएँ जिन्हे बाजार में लाभ कमाने के उद्देश्य से बेचा जाता है। दूसरे शब्दों में, वस्तुएँ बाजार में समस्त लागतों को पूरा करने .. के लिए बेची जाती हैं (य लागतो में लाभ भी शामिल क्योकि लाभ एक लागत है)। उद्योग तथा स्व-नियोजित (810४6) ` व्यित जैसे डोक्टर, दुकानदार, दर्जी, नाई आदि बाजार में बेचने के लिए वस्तुएँ (जिन्स) उत्पादित करते हैं। (2) वे वस्तुएँ व सेवाएँ, जो बाजार में बेची नहीं जाती परन्तु जिनकी पूर्ति मुफ्त या : साधारण कीमत पर की जाती है। सरकार की अनेक सेवाएँ जो देश के नागरिको को उपलब्ध कराई जाती है, जैसे -(1) स्रक्षा.कानून ओर व्यवस्था, सार्वजनिक चिकित्सा, सड़कों पर रोशनी का प्रबन्ध, सड़कों का निर्माण व रख-रखाव, 'पार्कों की व्यवस्था त् निःशुल्क जलपूर्ति इसके कुछ उदाहरण हैं। इसके अन्य उदाहरण है स्वैच्छिक संस्थाओं दवारा धर्मार्थं अस्पताल, श्रम संघों, स्कूलों व कालेजों के रूप में दी गई सेवाएं । हम इन्हे '' अन्य वस्तु व सेवाएँ'' कहते हैं। * (3) उत्पादित वस्तुएँ जो बाजार तक नहीं पहुँच पांती इस कारण बेचीं नहीं जाती अर्थात अनबिकी वस्तुएँ। (4) सरकार, व्यावसायिक उद्यमों व परित्रारों द्वारा स्वयं की उत्पादित अचल परिसंम्पत्तियाँ। (5) खुद -काबिज मकानों का आरोपित




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