दूषणाेल्लास | Dushnoullas

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Dushnoullas by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भूमिका हे ११ इसके आगे अभिनव गुप्त का मत कुछ विस्तार से दिया गया है 1“ (६) दूसरे कवियों के उदाहरणों को चुनने में बंडी सहृदयता का परिचय दिया गया है। (७) कही-क्टी खस्छन रे उदाहरण के अनुवाद करर दिए गए हैं। ऐसे अनुवाद मी बहुत सुन्दर वन पड़े है। साहित्व-दर्पण वे मुग्धा के उदाहरण (दत्ते साउममथर . . इत्यादि) का हिंदी अनुवाद कितनी सुन्दरता से बिया गया हैं-- आलम सो मद मद घरा पे धरत्ति पाय, भीतर तें बाहिर न जवै चित चाय कं। रोकति दुगनि छिन चिन प्रति लाज साज, वहृत्त देधी कौ दौनी वानि विमराप वँ वोलति वचन मद मधुर वनाय, उर, अतर के माव को गभीरता जनाय के । वान सी सुन्दर गोविद कौ कटहत्ति तिर सुन्दरि विलोक वक भूकुटौ नचाय कं॥ (२) रामायण चयनिका--क्षर करम से ३३ दो मे रामा्यणकी था सक्षेप में कहीं गयी है। थह स० १८८५ के पहले की रचना है। इसकी बदली दा परिचय इन दोहा से मिल सदता हे--- चवित भूप दानी सुनते गुरु वसिप्ठ समूझाय । दिएु पुन तव, ताडका भगमे मारी जायि॥ छांडतत सर मारीच उडयौ, पनि प्रम्‌ हत्यौ सुवा 1 मुनि मख पूरन सुमन सुर वरसत अधिक उछाह ॥ (३) लछिमन चंडिका--'रखिकगोबिंदानन्दघन' में आए हुए लक्षणी १. “हिन्दी साहित्य का इतिहास'--आचायें रामचद शुर्ल।




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