पुराणसार संग्रह | Puran Sar Sangrh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
230
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विषया नुक्रम
मगवान्का दीश्चा-कल्याणक
रथ <
चतुथ स्म
पद्मखेटपुरमे धन्य राजाके यषां भगवानूकी पारणा
ओर पञ्चाश्चय
उक्त शं वरदेव द्वारा भगवान् पर उपसर्ग
धरणेन्द्र जर पद्मावती द्वारा उपसगंका निवारण
केवटज्ञान-कल्याणक
पश्चप सर्म
भगवानूकी स्तुति
भगवानूके समवसरण्मे दश्च गणधर आदिकी
संख्याका निर्देश
भगवानूका ६९ वषं ८ माहतक विहार
भगवानूका सम्मेदाचरूपर योगनिरोध व मुक्तिठाभ
निर्वाण-कल्याणक
वधमान-चरित
प्रथम सगे
मं गखाचरण
छन्रःकारपुरके राजः नन्दि वधन व उनका वैराग्य
छत्राकार पुरमें नन्दिवर्धन राजाके पुत्र नन्दुन-द्वारा
प्रोषटिढ सुनिसे अपने पूर्व भव पूछना
प्रोष्टिल मुनि-द्धवारा नन्दनके पूव भवाका कथन
प्रसंगसे नन्दनके आठवें भव वृं सिंह अवस्थामें
मुनि-द्वारा सिंहके पूर्व भव कथन
१७२
१९८
१४८
१.५०
१.५०
१५५६
१९.५८
१६०
१६०
१६२
१६४
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१६९८
११
१७६
१४९
१४९
१५५१९
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