रीतिकाल में नारी की मानसिकता का चित्रण | Ritikal Me Nari Ki Manastika Ka Chitran

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Book Image : रीतिकाल में नारी की मानसिकता का चित्रण - Ritikal Me Nari Ki Manastika Ka Chitran

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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| 3 { अन्त मैं अपने आदरगोय पिता नो छाए शिव पुरुश थी तथा अपने आदरगोव सपुर थी श्री वी रैन्ढ पुताप तथा बहन हा ममता तथा उपने परत श्री मनोब थी के परत मो ष्शेध रुप से कृत हूं गने अशी तथा म॑मलम्यो प्रेरणा से मैं अपना शाधस्यी मडायह पूरा कर तकी 1 ररम -छरष्न)ाट्ल्क रइम बी वास्तव




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