कल्याण | Kalyan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Kalyan by हनुमान प्रसाद पोद्दार - Hanuman Prasad Poddar

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

Author Image Avatar

He was great saint.He was co-founder Of GEETAPRESS Gorakhpur. Once He got Darshan of a Himalayan saint, who directed him to re stablish vadik sahitya. From that day he worked towards stablish Geeta press.
He was real vaishnava ,Great devoty of Sri Radha Krishna.

Read More About Hanuman Prasad Poddar

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
ए द १ ९६५ प्रभुःप्ासिके सान ` ““ ( माता श्रीगायत्री देवी काक ) ` -*“ ७६४ १६६ प्राचीन हिन्दू राजार्ओंका आदश *** ( श्रीजयदयाल्जी गोयन्दका ) `` ~“ ९६६ १६७ प्राणश्चक्ति ओर मनःशक्तिका साधन ( स्वामी श्रीविभूतिनन्दजी सरस्वती ) नन ५५८ १६८ प्राणशक्तियोग ओर परकायप्रवेशविद्याका पूर्वरूप प *** ( पं० श्रीव्यम्बक भास्कर शाखी खरे ) ** ४०४ १६९ प्रार्थनाका प्रभाव ८ ( पूज्यपाद मदात्मा स्वामी श्रीकरपात्रीजी महारज) ˆ“ १६ १७० प्रेम और समता ल -* ( श्रीजयदयाल जी मोयन्दकाके व्यासयाने ) ** १२९० १७१ प्रेमका आदर्श [ कहानी ] * ०० (श्री “चक्र ) १२७० १७२ प्रेमका पंथ निराला है -* * (प° श्रीङृष्णदत्तजी भद्र ) क ' १२६६ १७३ प्रेम-प्रा्तिका साघन - * ˆ (पूज्यपाद परमदहं§ श्रीरामङृष्णदासजी महाराजे उपदेश ) ११ १७४ प्रेम-मानव ओर दिव्य *” -** (डा० मुदम्मद हाफिज सैयद एम्‌० एर, पी-एच्‌° डी» डी लिट्‌) *** १५२६ १७५ प्रेममा्गद्रारा भगवत्साधना *** ( प्रो° श्रीजगन्नाथप्रमादजी मिश्र, णम ए९, बरी एल्‌०) ८९४ १७६ प्रेमरूपा भक्ति ध *** ( श्रीदीरेन्द्रनायदत्त बी० उ०; बी० एद्‌, वेदान्त्र) * १४४१ १७७ प्रेम-साधन .“ *** ( श्रीजयदयाटजी गोयन्दका ) भ --* ८२ १७८ 3 ॐ सती *** ( म० श्रीप्रेमप्रकादाजी ) ही १७६ १७९ 39 9 + * ( श्रीमन्नि जानन्दनम्धरदायादययर्मपीटाधीश्चर = धमनुरीण आचार्य श्रीधनीदासषजी महागजन्मद्धमर्न' ) * ७०८ १८० ॐ ४१ ५ “** (पण श्रीनरहरि साली खरशीकर } `ˆ ““ ९४७ &८९ > भ ° * ( बाबा श्रीरामदासजी महाराज ) ~ ३० १८२ 3) ॐ +> ++ ( पूज्यपाद श्रीमोलानाधजी महाराज ) ४३५५ ८७५ १८२ फैन परिचीयते भर +*+* ( महात्मा श्रीबालकरामजी विनायक ) *** ११६७ १८४ बीद्ध-मूर्तितस्व ए - - ` ( श्रीमगवतीप्रसादसिंहजी एम्‌ ए० ) “ ६३८ १८५ बोद्ध-साधना ० *** ( डा० श्रीबिनयतोष गड्टाचार्य एमू० ए०; पी-एच० डी० ) ६३६ १८६ ब्रोद्ध सिंद्धोकी साधना (पं० श्रीपरशुरामजी चतुर्वेदी एम्‌० ए.०» एल-एल्टू० बी० ) ६३२ १८७ भक्त और भगवान्‌ ( श्रीअक्षयकुमार वन्दयोपाध्याय एमू० ए० ) - ` * १२७५ १८८ 39 39 ( स्वामी श्रीशुद्धानन्दजी भारती ) ५५३६, १६२५ १८९ भक्तं कविवर श्रीपतिजौ *** ( श्रीद्यामनारायणजी मिश्र 'दयाम” * ४३७८ १९० मक्त-गाथा (क ) रिवभक्त महाकाल ˆ ( स्कन्दपुराण मदिश्वरखण्डते ) *** ९९२ (ख) भक्तिमती हरदेवी ५ ० सन नकद (ग) भक्तपरिवार + न ० 9१३७ (ष ) भक्त रामचन्द्र भ ०० ० १२६२ (ङ ) भक्त सुब्रत ००१ ५५ “०० १३३९ (च ) भक्त नवीनचन्द्र . ” ४ + *** ४३७६ १९१ भक्त जयमलजी *** ( 'जयराम' ) जम ** १३२५ १९२ भक्ति और भक्त क “` (श्रीभुपेन्द्रनाथ सान्या ) -* --* १५११ १९३ मक्तिका स्वरूप ॥ भ न ० ७३२ १९४ मक्तिरसकी पाँच धाराएँ *** ( पं० शरीशान्तनुविद्वारीजी द्विवेदी ) ८३२, ९०५




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now