ह्रदय हिलोर | Hriday Hilor
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
64
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)माँगा है न मांगूँगा मैं, मांगता हूं वर मात,
शारदे च सार आज, सारे काज सारदे ।
घारदे हदय `घीर, साहस गंभीरता फो,
यचीरता भरन चाली, चीरता प्रसार दे ॥
काम क्रोध लोभ मोह, दम्भियों को दूर कर,
-गल में 'बिकल' -के विजय माल डार दे ।
चारदे न तीन दे न, दो दे एक दी को दे हू,
, कर तलवार दे कि, संर कर धार दे ॥
[ १७ |]
दानी महादानी चर-दानी चर दायनी. दे,
सिंह वाहनी तू दाहिनी ह्ये होत बार है ।
मांगना न जान में न,माँगने को झाया सात,
शीश मेट लाया सुत, प्रेम उपदार है ॥
तूभी मौन मैं भी मौन विकल है दोनों ज,
एक दी है ध्येय और, एक ही विचार है ।
तुमसे न मांगू बोल, किससे मैं मांगू फिर,
मां से मांगना हो जन्म, सिद्ध धिकार ह ॥।
[ सत्रदद |
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