गुरुग्रन्थ प्रदीप | Guru Granth Pradeep
श्रेणी : धार्मिक / Religious
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19 MB
कुल पष्ठ :
354
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)गुरुमन्थप्रदीप। ९७
हारि गरु होतंहे ओर जो :गायन्यादि- मंत्रंका तथा
. युज्ञादिकर्म विद्यीं काःउपदेशक -दौताहै.सो वेदिक गुरु
हतां हैऔर ज़ो- आता का अह्मरूप से साक्षात् करा
, सोः आध्यासिक गुर दति सी. गुरुजी के पिता ओर
हरिदर्याीलपंडित ' व्यावहारिक तथ वेदिक शरै ओर
विष्णु मगवान्ःमाष्यासिक गुरु द जैसे नच्करेता योम .
बलंसे,संपर्मनी पुरी में यमराज के पास गयाथा तेसे गुरु
नानक़देव योगबलसे विष्णु भगवार के पास-सत्यलोक
मे.गयसे पर्त इसमे यहशङ्चा दती हे यदि गुरुनानक
. देवजी केःविष्णु युर दोते.तब अपनी बाणी भँ तिनकी
त्यूनता,न लिखते और न्यूनता गुस्वचन में. स्पष्ट हे ॥
तथारि॥ ` ˆ. |
भेरउःअष्टपदी महल्लः. येगी ब्रह्मा वि
` ष्एुःसस्द्रासेगी सकता पुहीःमह
` रंताःॐः ब्रह्माःविष्णीः महादेव बैगल रोगी
विचहमकरकमीह 0 न एल सार
इनंसे-आदि लेकर अंनन्तः.वचनं विष्णु कं
के बोधक गुंस्वींएी में हैं इंसेंकी 'समीधिनि परे कष्ण
` आदिक शब्दों से प्रतिपादन कर जो पसर के अ
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