बृहत कल्पसूत्राम | Brihat Kalpsutram Pancham Bhag
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
18 MB
कुल पष्ठ :
342
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)॥ अर्हम् ॥
६ दिशकपङतानामसुकमं ८ ॥
चलुर्थोदेदाकप्रकृतानामर्चुक्रम*1
सुज्रमू .... प्रकृतनाम “णम् | सूत्रम् प्रकृतनाम प्रम्
१ अनुद्धातिकप्रकतमू १३०७ | २०-२८ गशणन्तरोपसम्पलकृतम् १४२४
२ . पाराच्चिकपरृतम्- १३२९|२९- विष्वग्भवनप्रकतम्. - १४५८
द अनवस्थाप्यश्रऊृुतमू . १३४९, ३० अधिकरणप्रकृतम् १४७३
४-९ प्रत्राजनोदिग्रकृतम् १३६७ | ३ १“ . परिदारिकपरकृतम् १४८०
4 कि थ {01 ‡ ^ ३२३३ . महानदीपरकृतम् १४८७
ज्ञाप्यभरकृत्म् , १ ~ हे
१४-१५ ग्ठानप्रझृतमू 1 स थः 344
-१ ६-१७ काटश्चेत्रातिक्रान्त- १ भ्रकृत्मिदं उपसम्पत्प्रकृतम् इनेन
. प्रकृतम् १३९९ | नान्नाऽपयुच्येत ॥ ~
१८ _ अनेपणीयप्रकृतम् ~ -१४१२ | २ अत्र मूढे यपि उपाधरयथरुतम् इति
१९., कल्पयिताकस्पखित- -सुद्रितं तथापि तन् उपाश्रयनिधिधररृतम् इति
' प्रहृतम् ` १४१७ | हेयम्.॥
१ {४ |
पञ्चमोरेशकषक्ृतानामनुक्रमः । ॥
~~ | | ~ ^ *
सूतम्. अहृतनाम : , शम् | सत्रम् . प्रहृतनाम् `^“ ' ` शष्ट
१-४ ब्ह्मापायुम्रकृतम् ` ४ १५०३ | १२ ' पानकविधिग्रकृतम् १५५५
५ अधिकरणग्रहृतम् ' १५१३ | १३-३ ६ जहारक्षामकतमू १५६०
६-९... संस्वृतनिर्विचिकित्स- ' | ३७... मोकमछतमु १५७८
ˆ ८ भ्रकृतम् . १५२४ | ३८-४ ० परिवासित्श्रकृतम् १५८३
१० उद्रारमङ्तम् १५३४७ । ४१ व्यवद्यरर्कृतम् १५९२
१९ .... आहारविधिम्रकृतमू: १५४६ | ४२... पुलाकभक्तपरकृतम्' _ १५९५
है.
किमि हे
दकि [श
१ ५ ^
User Reviews
No Reviews | Add Yours...