षट्खंडागम भाग - 11 | Satkhandagam Bhag - 11

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Satkhandagam Bhag - 11 by हीरालाल जैन - Heeralal Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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० रु १६९ १३ १४ १५ १६ १५ १८ विषय-सूची १५ एक सूक्ष्म जीवकी अपेक्षा दूसरे सूक्ष्म जीककी, सूक्ष्म जीवकी अपेक्षा बादर जीवकी शीतः जीवकी अपेक्षा सूक्ष्म जीवकी अवगाहना सम्बन्धी गुणाकारविशेषोंका । ६९ संृष्टद्रारा अवगाहनामेदोके स्वामियोका निर्देश । ७१ ६ वेदनाकाठविधान वेदनाकारबिधानमे ज्ञातव्य २ अनुयोगदरारोका उल्छेल करते इए कारके ७ मूल- मेदोंका उल्लेख करते हुए कालके ७ मूछमेदों एवं उत्तर मेदोंका स्वरूप । ७५, पदमीमांसा आदि उक्त ३ अनुयोगद्वारोंका नामोल्लेख ७७ ( पदमीमांसा ) पदमीमांसामें कालकी अपेक्षा ज्ञानावरणीयवेदना सम्बन्धी उत्कृष्टअनुत्कृष्ट आदि १३ पदोंकी प्ररूपणा ७८ झोघ ७ कमोंकी काल्वेदनाके उक्त १३ पदोंका विचार ८५ ( स्वामित्व ) स्वामित्वके जघन्य व उत्कृष्ट पदविषयक २ भेदोंका निर्देश 1 जघन्यके विषयमें नामादि निक्षेपोंकी योजना पि उत्कृष्टकेः विपयमे नामादि निक्षेपोकी योजना ८६ काल्की अपेक्षा उत्कृष्ट ज्ञानावरणीयवेदनाके स्वामीकी प्ररूपणा ८८ कार्की अपेक्षा अनेक मेदोमें विभक्त अनुकृष्ट ज्ञानावरणीयवेदनाके स्वामियोकी म्रूपणा प्रूपणा आदि ६ अनुयोगद्वारोके हारा उक्त अनुकृष्ट स्थानविकरपोके स्वामियोकी प्ररूपणा । १०८ ्नानाविरणीयके ही समान रोष ६ कमौकी मी उक्ृष्ट-अनुक्कृष्ट वेदना बतल्यकः आयु कर्मकी उत्कृष्ट कालवेदनाके स्वामीका निरूपण । ११९ कालकी अपेक्षा आयु कर्म सम्बन्धी अनुत्क़ष्ट वेदनाकी प्ररूपणा । ११६ कालकी अपेक्षा जघन्य ज्ञानावरणीयवेदनाके स्वामीका विवेचन । ११८ कालकी अपेक्षा अजघन्य ज्ञानावरणीयवेदनाके स्वामिमेदोंकी प्ररूपणा । १२० ददौनावरणीय ओर अन्तराय सम्बन्धी जघन्य ब अजघन्य वेदनाओंकी ज्ञानावरणसे समानताका उल्लेख । १३२ कार्की अपेक्षा जघन्य बेदनीयवेदनाके स्वामीका निर्देश । कि वेदनीयकी अजघन्य वेदनाके स्वामीकी प्ररूपणा । १३३ आयु, नाम ओर गोत्र सम्बन्धी जघन्य-अजघन्य काठ्वेदनाओंकी बेदनीयवेदनासे समानताका उल्लेख । १३४ कार्की अपेक्षा जघन्य व अजघन्य मोहनीयवेदनाओंकि स्वामिर्योका उल्छेल १३५ ( अस्पबढुत्व )




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