गोम्मटसार भाग - 2 | Gommatasar Bhag - 2

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१४ गो» जौवकाष्डे कुमति कृशरुतज्ञानि मिथ्यादृष्टि पर्याप्तकं अवधिदर्दनी बोस प्ररूपणा १०२९. ,, पर्याप्तक अप्यपप्तिक ,, १०३० +, अपर्याप्तिक 9) वी 9 » „+ सासादन स ,, कृष्णकेश्या र ,, पर्वाप्तकं ,, त ॐ पर्याप्तक + „+ + अपर्यप्तिक ,, १०३१ , अपर्याप्तक विभंगशानि त + » मिथ्यादृष्ट ,„ = भिष्यादृ्टि न ` का + पर्याप्तिक „ साततादन ष +, 3; + अपर्याप्तिक मतिशरुतज्ञानि क ,, » सासादन श पयप्तिक „„ १०२ ,, + प्यप्तिक कि अपर्याप्तक क र ~ १ 8 + भअपर्यप्तिक न असंयत १ १ 3 मिश्र मतिशरतज्ञानि असंयत अपर्यप्तिक „ १०३२ , असंयत सम्यग्दृष्टि कं य पर्याप्तक कं 3 9 १, पर्याप्तक मनःपर्ययज्ञानि » १०३२३ ,, »» भपर्याप्तक केवलज्ञानि ् , कपोतलेदया संयभानुवाद हि == ध पर्याप्तक » प्रमत्त संयतं ५ +) ++ अपर्याप्त » प्रमत्त सं. » १०२४ ,» भिथ्यादृष्टि सामापिक संयम क क, “व ,, पर्याप्क परिहारविदुवि १ १ „ मपर्यप्तिक यथाख्यात संयम 8 „ # सासादन असंयम +» १०३५ + »». पर्याप्तक »» ..... पर्याप्तक ५ + +, अपयप्तिक +» भपर्याप्तिक ५ +» » सम्यभ्मिच्यादृष्टि चसुदशनी » १०३६ ,„ भसयत सम्यग्दृष्टि ५ पर्याप्तक [ > १) + पर्याप्तक अपर्थाप्तक कि नम +, अपर्याप्तिक क मिथ्यादृष्टि ही + तेजोलेष्या 9 » पर्याप्तिक > १०३७ +, पर्याप्तक ५ » अपयप्तिक र » 5 भअपर्याप्तिक अचक्षुदर्शनी ४ १ % भिध्यादृष्टि १ पर्याप्तक + ५0 ,, पर्यप्तिक 9» भपर्याप्तिक त - कः - ,, „ अपर्याप्त „ मिथ्यादृष्टि त »»„ ॐ सासादन 9१ ,» पर्याप्तक क ,, पर्याततक कर 1. जैपर्याप्तक 9 » » सासरादन अपर्याप्त बीस प्ररुपणा १०३९ 3) 9 ११ 99 9 १ 99 १9 कि १०४० 3१ 9 9१ 2१ 9) 1) 29 १०४१ 9 29 ३) 9१ 3) ५ 3) शक १ १ ०४ २ + 9 9१ ॥ 9१ १०४३ ११ 39 99 ॥ १3 9) »» १०४४ 39 99 99 99 9 99 93 32 99 १५४५ 39 1) 9 39 १3 99 7) 39 99 99 39 23 १ 23 99 9१ लि १५४७




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