शेली | Sheli

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Sheli by यतेन्द्र कुमार - Yatendra Kumar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पाश्चात्य प्रमंजन !--शेली ! (१५६२१८२२) हस भविष्यवाणी का बन जा, अब तू शंखनाद भरपूर ह साया दै यदि शरदे, रदं सकेगा बसंत फिर यया भव दूर ?




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