गाँधी- गौरव | Gandhi Gaurav
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
641 KB
कुल पष्ठ :
122
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पं गोकुल चन्द्र शर्म्मा - Pt. Gokul chandra sharmma
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दूसरा सर्ग
ट
शणा दद्दों के थे दढ़े रणयीर निज प्र के घनी
दीवाम उत्तमचद उनके कुराख, प्रमु-सेयक्, गुमी।
पर, स्वाभिमान कमो न सेषा पर मिक्वावर था किया
मा करमचंद सुपत्र ने सी तात का हो पप लिया।
भ
हनम स्मर्वे्र स्वमाव भी प्रमु का न अंधा मक्त था
करना पड़ा सिर पदपि नगर परिस्पक्त था ।
मिक सनकी सुपत्नी पिरत ,
थी नित्य्म निनाश्ष्वी सब नियमपूर्वकं सुता ।
६ च
ननी इमारे चरितनायरु की षदी गर्वं पी
आदर्श सया र्मम् कौ सस कीतिं पिय ।
था सन अठारइ सो श्दत्तर द्विवीय प्मष्टोमर अहा !
मोविर्मयी पौ जम्मठिभि मोहन महारमा शी मा ।
# ॥
परसुदरित प्रभाकर की कका थी विमक्ष नम में छा रही
सच मॉदि शोमा शरद की थी प्रकृति कये सरसा टी ¦
सुन्दर सोने स्याम रिष श्च द्रो रह अवतार था ,
छनमी, अनकूस्यो गम्ममू के ष्ठ का लो दर था।
११
User Reviews
No Reviews | Add Yours...