बिबध रतन प्रकाश पुस्तक | Bibadh Ratan Prakash Pustak

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Bibadh Ratan Prakash Pustak by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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{३} साधु विधीनो आचार॥ आचार विधीना दोय मेद्‌ ॥ एकतो सावन आचार ॥ दना निरवध आचार ॥ श्रावक विधीनो आ- चार साज आचार परूपतेहे ॥ सुनी बि- धीनो आचार सावज परुपतेहे ॥ ९ दो य विधीनो आचार सावज पस्ये ` तेहन मुनी न कहीये॥साख सुतर माहानसीत॥ ए दोय विधीन्‌ आचार नीरवध पर्पे ते. हने सनी कीजे! साख सुतर आच्रारंनी॥ ॥ ष्रश्न ॥ ४ ॥ मुनिको आदेस सा- वजके निरवध॥ उत्तर ॥ सावज आदेस ` देतहै उणकु प॒नीनकष्िये ॥ निरवध आ- देस देतेहै उणकुं मुनी कटीने ॥ साख सुत्र दमी काचक स॒गडायंग ॥ न सनक प्च भुनिने कितना रंगका-.




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