प्रेमलता | Premlataa
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
268
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)से बच कर रह गई तो मुक्ते भी मिल जायगी 1 घोवी का प्रश्न हो नहीं
पैदा होता । वोट, पट पहनना छाड़ ही देना पढ़ता है। यदि पहनना
है तो वारह मील दूर गदर मं धुलवा कर मगवार जाय । बाजी या
गरे रग का पट पनन पर बुत्ते पीछे पढने का डर रहना हूँ क्पा्वि
षस गाव कं चुने अभी ग्रामीण जो नहरो जौवके देखने क श्रभ्यस्नं
नही हुए है। डाक सप्ताह मततीन िन प्रात्ता है । चिट्टिया व. पट चने
थे दो सप्ताह लगना झासान वात है । डाक वात्न वाला लाने याला
यलि न्ड जाय तो बड़ी सुमोयत है । तार बौर पोस्टकाइ् म कोई भेद
भाव नहीं चरपा जा रहा । इसम साम्यवादो भदन हो माना जाता
रहा है ।
उपयुक्त कठिनाइयों से में भयभीत तो हो गया किलु महान
छोडन वी नहीं सोची । ताताल्क उपचार के लिए मुझे सुभाव श्रवद्य
दे दिया गया दि दो छात्र अभी आ्रापके 'गस भेज दिए जायेंगे जिसकी
सहायता से मे सरपंच व. यहा पटच जाऊं जिसे वु नागे षी
व्यवस्था म कुंड सहारा मिल सके {यह् इस गाव को परम्परा बताई
गई ।
टन नू, न् टन फिर घण्टी देती । मरे चारों झार की भीड़
एमे उड गई अंस रि एक जगह् वटे हण पतिया म प्यर् पतर दिया
हो। बंद रह गए दा छान जिनको मेरे साथ जान मरा सामान
पहुंचाने का वायभार सौंप दिया गया था 1 देहाती छात्रो जोर दाहरों छाता
का भ्रतर उनकी वशा-भूपा तथा झाइति से स्पप्टत दष्टिमाचर् हो
रहा था 1
भ्रमनता १५
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