मनोविश्लेषण और साहित्यालोचन | Manovishletion Aur Sahityalochan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
59.67 MB
कुल पष्ठ :
220
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)घ. _ सनोविद्लेषण और साहित्यालोचन में है ६ मई १८५६ ई० को हुआ था।. उसने विएना में चिकित्साविज्ञान का अध्ययन किया और तस््त्रिकाविज्ञान न्युरॉलॉजी को विशेषीकरण का विषय बनाया। कुछ दिनों तक पेरिस में शार्कों नामक प्रसिद्ध मनशिचिकित्सक के साथ रहकर सम्मोहन हिप्नॉटिज म का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद. विएना लौटकर उसने अपस्मार हिस्टीरिया की चिकित्सा के लिए सम्मोहन का प्रयोग करना शुरू किया किन्तु परिणाम सल्तोषजनक नहीं होने से उसने इस पद्धति को छोड़ दिया और अपनी स्वतस्त्र पद्धति विकसित की जिसका... नाम मनोविश्लेषण है। जब ऑस्ट्रिया पर हिटलर से १९३८ में अधिकार कर लिया तब को वहाँ से भागना पड़ा। उन दिनों फ्रायड विएना विश्वविद्यालय में तन्त्रिकाविज्ञान का प्रोफेसर था किन्तु यहूदी होने के कारण नात्सी शासन में उसका रहना मुश्किल हो गया। अतः विएना छोड़कर वह लन्दन चला गया। वहीं १९३९ ई० में द्वितीय विद्वयुद्ध छिड़ने के तीन सप्ताह बाद उसकी मृत्यु हुई । मनोविदलेषण दाब्द दो अर्थों का बोधक है एक तो उस प्रविधि या प्रक्रिया का जिसका फ्रायड ने मानव-मन की छानबीन में उपयोग किया है और दूसरे उस सिद्धान्त-समूह का जो उस छानबीन के क्रम में प्राप्त तथ्यों से. निर्मित हुआ है। फ्रायड का दावा है कि वह पहला मनोविज्ञानी है जिसने _ सानब-सन की समस्याओं का वैज्ञानिक समाधान ढूढ़ा है साथ ही बह - आत्मनिष्ठ. सानसिक घटनाओं का उसी तटस्थता से अध्ययन कर सकता है जिस तटस्थता से कोई वस्तुनिष्ठ घटनाओं का अध्ययन करता है। फ़ायड के दावे या सिद्धान्तों से हम सर्वथा सहमत न भी हों तो भी इसमें सन्देह नहीं कि इस युग के बौद्धिक पर्यावरण को जितनी दूर तक और जितनी गहराई से उसने प्रभावित किया है बैसा कोई दूसरा विचारक नहीं कर सका है। _ उसकै सिद्धान्तों ने मनुष्य की घर्म नैतिकता या शिक्षा से सम्बद्ध धारणाओं को ही नहीं जीवन-पद्धति तक को परिवतित करने को प्रेरित किया है। मान्यताएं ___ कायड का कहना है कि भौतिक या बाह्य घटनी के समान ही ..... मत्येक मानसिक घटना के पीछे कार्य-कारण-माव रहता है। जैसे बाहय जगत. .. में कोई कार्यो बिना कारण के नहीं होता वैसे ही कोई मानसिक व्यापार भी. कक कर 2 यु
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