अमेरिकन इतिहास की रूपरेखा | Amerikan Itihas Ki Rooprekha  

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्रफ्नी सुविचारित पद्धतियों, उदारता, परोपकार श्रौर सफल व्यापारिक बुद्धि से इस नगर को १८वीं शताब्दी के मध्य तक अमेरिका की फज्ती-फूज्ती राजधानी वना दिया था । यदपि प्िलडेलक्षिया मँ क्वेकरो की प्रधानता थी, परन्तु पैनसिलवेनिया मे श्रन्य स्थानों पर श्रन्य लोग भी बसते थे | प्रपने युद्ध-विनष्ट देश से श्रपनी भाग्य-परीक्षा करने के लिए जर्मन बहुसंख्या में यहाँ श्राये थे। वे शीघ्र ही प्रान्त के श्त्यन्त कुशल कुषक सिद्ध हुए । कपड़ा, जूता तथा फ़र्नीचर बनाने और अन्य दस्तकारियों मैं उनकी कुशलता इस उप- निवेश के विकास में श्रत्यन्त मदस्वपूण आर सहायक सिंद्ध हुई। नई दुनिया मैं स्कौच-अयरिश लोगों के श्रागमन का भी पैनसिलवेनिया प्रधान द्वार था । वे बल्वान्‌ सीमान्तवासी ` थे, वे जहाँ चाहते वहीं भूमि पर श्रधिकार कर लेते श्र अपने अधिकारों की रक्षा बन्दूकों तथा बाइबिल के अनन्त प्रमाणें से करते थे । क्रादन के प्रति इनकी उपेक्षा के कारण धार्मिक बृत्ति के क्वेकर इन्हें बहुत कष्टटायक समभते थे, परन्तु भविष्य भ इनके दोष ही बहुत वलवती उपयोगिता की वस्तु सिद्ध हुए, । उ्यो-ज्यों ये वियाबान में फैलते गए; स्यो-त्यो धमे, विचा शरोर प्रातिनिधिक शासन-पद्धति में अपने विश्वास के कारण ये लोग सम्यता कै श्रग्रदूत सिद्ध हुए । पैनसिलबेनिया फे निवासी तो मिले-जुले थे ही, न्यूयॉक कपद्ा चुनना, साबुन यनाना ` ५ प्रौर रगा घर के साधारण काम-काज के भाग थे। १७वीं शतान्दी फी एक गृहिणी मोमयत्तियाँ वना रही है। में भी बहुमाषा-भाषी लोग एकत्र दो रहे थे, श्रौर सत्रहवी शताब्दी के मध्य में ही शमेरिका की भावी चहु-भाषा-भाषिता की भलक दिखा रहे ये । १६४६ मे हडसन के श्रासपास एक दर्जन से ऊपर भाषाएँ सुनाई देती थीं त्रौर यहाँ की श्रांबरादी में यूरोप के प्रायः सभी देशो के लोग पाये जाते थे । इनमें अधिकतर अपनी श्राजीविका व्यापार द्वारा कमातेये, श्रौर उन्होने उस व्यापार सभ्यता की नीव डाली जिसमे त्रागामी पीढ़ियों की विशेषताएँ: निहित थीं । . ४० वृष तक न्यूनीद्रलैंड के स्वामी ड्च लोग थे। यही स्थान बाद वो न्यरयोकं कहलाया । परन्तुये लोग प्रवासी नहीं थे । इनके देश हालेंड में ही वहुतेरी भूमि थी श्र नये उपनिवेशों से उन्हें ऐसा कोई राजनीतिक झथवा धार्मिक लाभ प्राप्त नहीं होता था जिसका उपभोग वे पहले सेन कर रहे हों] इसके श्रतिरिक्त डच वेष्ट इरिडया कम्पनी नामक जो कम्पनी नई दुनिया में बस्ती वसाने के लिए संग- ठित हुई थी उसे नया उपनिवेश व्यवस्थापूर्व॑क चलाने के लिए योग्य श्रधिकारी सुगमता से नहीं मिले । १६६४ में प्रौपनिवेशिक हलचलों में ब्रिटिश रुचि पुनः चढ़ गई श्रौर उन्होंने डच बस्ती को जीत लिया । परन्व॒ उच लोग इसके पश्चात्‌ भी सामाजिक श्र श्रार्धिक मामलों पर प्रभाव डालते रहे । इस प्रदेश के मकानों की तिकोनी हुते श्रौर नगर का




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