समाज - सेवा का क्षेत्र भाग - 1 | Samaj - Seva Ka Kshetr Bhag - 1

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Samaj - Seva Ka Kshetr Bhag - 1  by आर्थर ई. फिंक - Aarthar E. Fink

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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तृतीय संस्करण की भूमिका सामाजिक सेवाकायं के क्षेत्र मं जिस तीव्रता से प्रगति हो रही है, उसे देखते हुए इस पुस्तक का एक और संस्करण प्रकारित करना आवश्यक प्रतीत होता है। मनुष्य की आवशद्यकताओं और अभावों की पुकार पहले से भी अधिक बढती जा रही है। वे आवद्य- कतए नाना प्रकार की ह ओौर कभी-कभी उनका दबाव बहुत अधिक हौ जाता है । सहायता- सम्बन्धी अन्य वृत्तियो, जैसे चिकित्सा, अध्यापन आदि के क्षेत्र मे इन आवश्यकताओं की ओर बरावर ध्यान रन्वा जात्ता है ओौर उन्ही को दृष्टि मे रखने के कारण नयी-नयी उपचार- पद्धतियों और सेवाओ का आविष्कार तथा विकास बराबर होता जा रहा है । उसी तरह सामाजिक कायेकर्ता भी, चाहे वे वंयक्तिके सेवाकायं, सामूहिक सेवाकायं अथवा सामुदायिक सघटनमेसे किसीभीक्षेत्रमेंक्योन कायं करते हो, सदेव उन समस्याओं का सामना करते रहते या उनके प्रभाव का अनुभव करते रहते है, जो समाज के लोगो द्वारा उनके सामने उपस्थित की जाती हु । अतः वे भी अन्य वृत्तिक क्षेत्रो के समत अपने क्षेत मे नयी सेवाओं का.विकास या प्रारम्भ कर रहे हे,पुरानी सेवाओं का नवीनीकरण कर रहे हे । परिवतंन की इस प्रक्रिया में कभी-कभी किसी एेसी सेवा-पद्धति काजो मयान नहीं रह गयी है या अनुषयोगी हो गथी है, त्याग भी कर देना पडता है । इस तरह व्यावहारिक क्षेत्र मे, वृत्तिक पत्र-पत्रिकाओं मे, वृत्तिक सभाय ओर सम्मेटनो मे तथा सामाजिक सेवाकायं- विद्यालयों मे नवीन पद्धतियों और विचारों के अन्वेषण ओर अध्ययन का कायं निरन्तर जारी है । सामाजिक सेवाकायं की प्रगति आज कितनी त्वरित मतिसेहो रही है ओर उसका क्षेत्र कितना व्यापकं हो गया है, इसके प्रमाणो मे से एक यह भी है कि इस पुस्तक का तृतीय संस्करण तंयार करने के लिए केवर मूर लेखक से काम नही चरू सका, अतः इस संस्करण मे इसके तीन लेखक हं । मू लेखक का यह्‌ मत है कि सामाजिक सेवाकायं-जेसे व्यापकं क्षेत्र वाले विषय पर पुस्तक लिखने के लिए अकेले एक लेखक की अपेक्षा कई लेखको का होना आवदयक एवं अधिक अच्छा है, क्योंकि तब उसमें अन्य व्यक्तिथो के अनुभव और विचार-घारा का भी समावेश हो सकेगा। इसी कारण इस संस्करण मे वंयवितिक समाज- सेवाकार्य वाला अध्याय लिखने का उत्तरदायित्व श्री एवरेट विल्सन को और सामूहिक समाजन्सेवा-कायं तथा सामुदायिक सघटन वाले अध्याय लिखने का भार डा» मेरिल




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