दिल के तार | Dil Ke Taar
श्रेणी : पत्रकारिता / Journalism
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
80
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)द्वार तुम्हारा आए ।
प्रमु बिन कोन हमें अपनाए ।
टूट गए हैं तार हृदयके,
खंड हुए हैं चार छृदपके,
धीरज कौन धराए ।
प्रम निन कोन हरमे अपनाए ।
मनम शूल पांवम छे,
दुख देते हैं दुनियावाले,
उनसे कोन बचाए ।
प्रमु बिन कोन हमें अपनाए |
नारह
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