घरेलु चिकित्सा | Gharelu Chikitsa
 श्रेणी : स्वास्थ्य / Health

लेखक  :  
                  Book Language 
हिंदी | Hindi 
                  पुस्तक का साइज :  
2.15 MB
                  कुल पष्ठ :  
132
                  श्रेणी :  
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)घाल-योय थे सूखा या सिठवा-रोग असली काली यो का मूत्र सूय॑ निकलने के पहले ले ले   ख्याल रहे कि गाय बिलकुल काली होनी चाहिए--एक थच्चा भी अन्य रज्ञ का न हो  । यदि एक सेर गो-मूत्र दो तो एक तोला असली काशमीरी केशर लेकर पहले केशर को गोन्मूत्र ही में पीस कर छुगदी वना ले  फिर उसी सेर भर में घोल डाले और छान कर साफ़ की हुई शीशी में भर कर रख ले । झ महीने के बालक को चार चूँद  छः से ऊपर वाले को झा बूँद उतने ही साता के दूध में सुबह  दोपहर शाम दिया करे । तीन दिन में मिठवा अर्थात सूखा की चीमारी को आराम करती है लेकिन दवा सात दिन तक जरूर देनी चाहिए । दूसरी दवा कुत्ते की दड्ी एक तोला छोटी इलायची का दाना एक तोला श्र नौसादर चार माशे--सबको खूब बारीक पीस ले । शहद के साथ एक-एक रत्ती खिलाने से लड़कों का -सुखा-रोग नष्ट होता है । तीसरी दवा यदि बालक के उत्पन्न होने के दिन से लेकर चालीस  दिन के भीतर  एक झनबिधा   बगैर छेदा   छोटा मोती निगल दिया जाय  तो चेचक न निकलेगी  और सिठवा- रोग बिलकुल न होगा ।
 
					
 
					
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