मुगलों के आधीन काबुल का सूबा | Mugalon Ke Aadhin Kabul Ka Suba
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
224
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)यहाँ मच्छरों की अधिकता थी जिससे इस मैदान पर बैँँधने वाले घोड़ों को. बहुत
कष्ट होता था। काबुल से दो मील की दूरी पर पश्चिम की तरफ दुर्रीन नामक
मैदान था।“** पूर्व की तरफ सियाह संग नामक मैदान था। 22
काबुल राज्य चौदह प्रदेशों मेँ विभाजित था।ये प्रदेश तूमान कहे जाते थे। <
समरकन्द, बुखारा ओर इनके पड़ोसी स्थान इमान कहलाते थे! अन्दिजान, काशगर
और उसके आसपास का क्षेत्र उरचीन कहा जाता था।
काबुल के पूर्व में लमगानात या, उसमें पाँच तूमान और दो बुलूक थे। <“
सबसे बड़ा तुमान सीन गनहार था। इस तूमान का हाकिम काबुल से पूर्व
बयासी मील की दूरी पर स्थित अदीनापुर में रहता था1~2 काबुल से नीन गनहार
[1 1 11 0 1 8 1 8 1 8 1 री 28000 000 णी णी
21. बाबरनामा, पू0-147
22. वही
23. वही, पृ0-149
24. वही , पू0-150
25. वही
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