छायावाद युगीन काव्यभाषा का निराला के विशेष सन्दर्भ में अध्ययन | Chhayavad Yugin Kavyabhasha Ka Nirala Ke Vishesh Sandarbh Men Adhyayan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
44 MB
कुल पष्ठ :
378
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(८)
विश्वसनीय बना सकती है । व्यक्तित्व की सजनात्मकता को उत्तरौत्तर गतिशीछ
बना रहते वैसे के फिए यह आवश्यक है कि उति अलात, अगत संमावनालों से
निपटन दिया जार |
शब्द-संसार के प्रति यह विद्ौहन्माव कौई राता नही
पैदा कनिवाछा £, हयै माधा के प्रमुत्व कै प्रति भिष्ठावान् टाबर भिस्वैट ने बहत
जात्म विश्वास क पाथ यदू किया ह 1 ए माधा कै प्रति विरौषी जौर
निधयैवात्मक दृष्टिकौणा खवा मी उपति असग नही हौ सक्ते, क्यौकि माघा
जठग होने का मत्छव है ~ जीवनं धै छग हौनय, रीवन फ अुमव का शै अपमान
करना । इ संदर्प धं लब निस्वैट तै वही पमाया प्रकट की है कि माणा के
प्रमुत्व के चिरौधी रक दुसरे स्तर पर उसके परंपारित रुप सै भिन्न मई प्रभाव -सवियौ
की घुष्ट उपै करत है 1 २ यह ठीक थी है, क्योंकि शब्दों कौ ठैकर मूर्णता और
उप॑तौष का' अतुमव कतैवाठा ही कुछ नया रचने की क्षमता रख सक्ता । माधा
के साथ उसकी गछरी संसक्ति पी ही स्स्थिततियाँ सै देसी जा सकती है |
अधुनिक युग मैं, जकि सैचाए माध्यमं शडियी+ सितिमा,
टैठी विजन, तपाचारनपत्र बादि - और राजतिक सतालों के माष्नणो मैं शब्दों
की याकि अवृत्तिके द्रा भाग त प्रति षर्जनात्मक दुशष्टकौण का ह्वात हो
रहा है, काव्यमाणा की अतिरिक जिम्मेदारी ही जाती है कि कह अपनी मित-
कथन प्रणी मै शब्द -अवमुल्यन की बढ़ती हुईं प्रवृत्ति की रोकथाम को । काव्यमाणा
की यह -एवनात्मक ओर सल्यवान_कौशिश शब्द-कमूल्यन के पर्रैक्य भैं दाति-पूर्ति
प कथिक हौगौ ।
जि तिरि तिति कि नित तिति पन
पो णिति नि निनि ति सनि ति नि ति नितिन नि निति लाए ति
ने. पी? कचरा शत ८७0१६ अदद द धात वदत 6 हक जि
9 +य द , १ (कि, कतत वि छतत 1975 ६० च
8 छा ९1058 ६० ३६४६, ४ ००११ ५ ६5 1088287 अत #†१७२
शभ { 9 अभक्त व शा भाधो 4) 9 (860८७) ४ 33
9 £ ६१८४७ 9 £ १४6 न 1० 2 वशति © ६८७
‰9# 1१ ॐत 315 8689068 + भोः6 २6 ७२ £ £5 श्रध छापे फेज त
५ 1... शी द 4 धाभ 15७5 26 ॐ66 ६० 26
४१८२ ॐ ४039 015 क 329 92995 0 शतक उठने पके)
न २२ ४2 099 00 दह 9 शद 29770१52 ७9१
कै कै
शः
User Reviews
No Reviews | Add Yours...