राष्ट्रीय एकता के सांस्कृतिक सूत्र | Rashtriya Ekata Ke Sanskritik Sutra

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Rashtriya Ekata Ke Sanskritik Sutra by नगेन्द्र कुमार सक्सेना - Nagendra Kumar Saksena

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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राष्ट्र-गीत (ए विश्वववि थी रवी दर जन गण मन झधिनायव जय ह 1! नारत भाग्य विवाता॥ पंजाब सि घु. गुजरात मराठा द्राविड उत्वल वग। विध्य हिमाचल यगु मगा उच्छत जलधि तरग ॥ तय शुभ नाम जाग, तब शुभ श्राणिप माम, गाह्‌ तव जय गाया । जन ग्ण मगल दायव जय हु । भारत भाग्य विधाता । जय हूं जय हू जय है, जय जय जय जय हु।




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