युग - पुरुष महात्मा गांधी भाग - 1 | Yug Purush Mahatma Gandhi Bhag - 1

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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महात्मा गावी केन्द्र थी ओर इस नगरी नासपरद्यी क्रीटकी सभ्यता संसारसे मिनोयन्‌ कहकर पुकारी जाती थी । करीव २००० वर्पो तकं इस सभ्यताका भी संसारके चित्रपटपर अभिनय होता रहा । उसके वाद यूनानी आये ओर मिनोसको उजाड गए । 'सिनोसःको उजाड कर उसके अवशेपोपर यूलानियोने अपनी 'हिलनिक' सम्यताकों प्रतिष्ठित किया । यह घटना झाजसे ३००० वर्ष पूर्वकी हे। फिर सेकडों वर्पोतक यूनान, स्पार्टी और एथेन्सकी धूम रही । किन्तु वे सी मिट चलले। श्राखिर रोमका अभ्युदय हुखा । यूनान ओर रोमी यूरोपको सभ्यताके पथपर खाये, लेकिन सय विश्वके रगमचसे खिलककर उन्होंने भी नेपथ्यकी राह्‌ ली । यद्यपि भारतवपैके उपरान्त सभ्य होनेवले प्राचीन मिश्रः मेसोपोटामिया, इराक वा परयिया) क्रीट या मिनोस अथवा कनोसस, यूनान ओर रोम आज संसारके चिच्रपटसे अन्तर्थान हो चले है, किन्तु भारतबरप ओर चीन आज भी अपनी प्राचीन सस्कृति ओर सभ्यत्ताको लिये हुए जीवित है. । भारतवर्पकी सभ्यता आजसे कमसे कम लगभग १०,००० वर्ष पूर्वकी सभ्यता हे । इसी प्रकार चीनकी सभ्यता सी आजसे ४००० चपे पूर्वकी सभ्यता है। इन दोनो देशोपर सदियोसे आक्रमण तथा प्रत्याक्रमण होते रहे,ओर ठोनो मुल्क विदेशी वचैर चाक्रमणकारी ओर विजेता आ द्वारा लूटे-खसोटे गये । इस श्रकार ठोनोकेः ऊपर युद्धांकि खूब घात ओर प्रतिघात हुये । विनाशने हमारे मुल्कसे खूब ताडव किया ओर आक्रान्तकॉनि हमें उजाडकर वीरान वनानेके क प्रयत्न किये । किन्तु इतनेपर भी अजतक 3




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