गोरा बादल पदमिणी चउपई | Gora Badal Padmini Chaupai
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6.4 MB
कुल पष्ठ :
128
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)घ्रेस्ताधर्ना ३
४. खण्ड - दिल्ली लौटने पर श्रलाउद्दीन की बीबी की व्यय
करन। । फिर राघव की सूचना श्रौर सकेत पर पश्मिनी प्राप्त करने के लिये
चिततीड पर आक्रमण का श्रादेश--(२२८-२४१) |
६ खण्ड - रतनसेन श्रौर श्रलाउद्दीन का युद्ध । श्रलाउद्वींन का गई
लेसे में प्रसफल रहने के कारण श्रपने मत्री को भेजकर केवल किला श्रौर
पद्यिनी को देखकर लोट जाने का छल-पूर्ण सन्घि-प्रस्ताव--( २४ २०२८२) 1
७. खण्ड -श्रलाउद्दीन का गर्ढ मे प्रवेदा । भोजन के समय, दासियों
को देख कर उन्हें पद्मिनियाँ समभझ कर बार-बार चौकना गौर राघव को
उसको सचेत करना । भोजनोपरास्त भरोखे की जाली से भ्रीकती हुई
को देख कर उसका मूद्धित हो जाना श्र राघवर का उसको
समभाना । किला देख कर लौटते समय :रतनसेन को बातो में लगा कर
द्वार तक ले श्राना श्रौर वहाँ श्रपसे छिपे हुए साथियों द्वारा उसे बन्दी बना
लेना--(२५३-३४७) । दि
८. खण्ड - रतनसेन-प्रभावती का पुत्र वीरभाण पब्सिनी की उसकी
मात्ता का सौभाग्य छीनने चाली समभकता है श्रौर इस कारण वह उसको
अलाउद्दोन को सौपकर उसके बदले मे राजा को लेने का प्रस्ताव स्वीकार
करता है। यहूं सुन कर पश्चिनी के मन से रोष, चिन्ता श्रौर ग्लाबि तथा
चहा च जाने का इढ निदचय--(३४८-४२१) 1
£. खण्ड - पद्मिनी का सहायता के लिये गोरो-बादल के पास
जाना 1 बादल द्वारा रतनसेन को छुडनि की श्रतिज्ञा सुन कर उसकी माता
का उसको रोकना--ए४२२-४९७) 1
१० खण्ड -श्रपनी बात न मानने पर बादल को माता का उसकी
नव-विवाहित वधू को भेजना । श्रपने स्वामी के हढ निक्चय तथा रणो-
रलास को देखकर नव-वधू का. उसको रणवेश से सज्जितकर शभ्राथुघ देकर
युद्ध के लिये विदा करना । बार्दल का वोरभॉण को समझा कर श्रपने पक्ष
मे करना श्र श्रलाउद्दीन के पास जाकर उसको छलभरी बातो से पर्चिनी
के आने का विद्वास दिला कर उसकी सेना को वहाँ से रवाना करवा
दिना । फिर गढ मे झ्राकर डोलो में दाधियो के स्थान पर श्रपने सैनिकों को
श्रौर पद्मिनी के स्थान पर गोस को छिपा कर ले जाना, रततसेन को
छुडाना श्रौर श्रलाउद्दीन तथा उसके चुने हुए सोधियो को मार भगाना ।
युद्ध मे गोरा की मृत्यु श्रोर उसकी स्त्री का सती होना--(४६९७-६२०) ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...