वुडरो विल्सन | Vudro Vilsan

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Vudro Vilsan by रामचन्द्र - Ramchandra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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८ वड्‌ रा विल्सन बचपन जा चुका था । श्रलिफ़-लेला के स्वप्न की भाँति वयस्कता उभरने लगी । उसे न तो पादरी का काम श्राया श्रौर न ही शिक्षक का धन्धा । राष्ट्रों के मामलों में नेता बनने में ही उसे कुछ तन्त नजर श्राया । पारिवारिक परम्परा के श्रनुसार श्रध्यात्म ज्ञान की बारीकियाँ निकालना श्रौर अ्निच्छुक लोगों को ग्रीक धातु रटवाकर उनके गले के नीचे उतारने की श्रपेक्षा, ग्लेडस्टन, जिसने साम्राज्य बनाये श्रौर बिगाड़े, के श्रनुरूप बनना कितना मोहक था । , परन्तु ग्लेडस्टन के श्रादर्श की परछाई तक भी पहुँचने के पूर्व बहुत कुछ करने को था । दोवर्षों में ही परिवार को फिर स्थान बदल कर विल्मिगटन (डलावेयर) जाना पड़ा श्रौर टॉमी शारलोट, उत्तरी के रोलिना में डविड्सन कॉलेज में चला गया । यह ज्ञानपीठ निरिचतरूपेण पूणतया प्रेसबीटेरियन मत को मानता था । डॉक्टर विल्सन इस संस्था के न्यासियों में से एक था । यह बात कुछ खेद की ही है कि डेविड्सन कॉलेज की पढ़ाई- लिखाईमे साधारण से ऊपर उठने योग्य कोई विशेष स्थान प्राप्त करनेमं टमी श्रसफल रहा । उसके पिताका शिक्षण भले ही चरित्र-निर्माण में सर्वोत्तम रहा हो, परन्तु कॉलिज जिसकी साधा रणतया श्रपने विद्यार्थियों से भ्रपेक्षा करते हैं, वेसा ज्ञान देने में वह पुरा नहीं उतरा । टॉमी का दुबल स्वास्थ्य भी एक बाधा थी । पुस्तकों के अ्रध्ययन में लगे रहना श्रौर पाट्य-विषयों की तयारी उमे भारी पड़तीथी। परन्तु वेसबॉल का श्रपना भ्रभ्यास वहु करता रहता । उसमे वह्‌ प्रायः सेण्टर- फ़ील्ड होता श्रौर 'बेटर' के रूप में एक सामान्य खिलाड़ी रहता । एक सहपाठी का मत था कि “यदि टॉमी विल्सन इतना सुस्त न होता तो वह एक ग्रच्छा खिलाड़ी होता ।” परन्तु, उसको मुख्य रुचि न क्लास के कमरे में थी श्रौर न ही बेसबॉल के मंदान में । उसका मन तो वाद-विवाद सभा में लगता था । उन दिनों लड़कों की चर्चा के विषय कुछ ऐसे प्रदन होते थे : क्या लिकन की मत्यु दक्षिणी भागों के लिए हितकर थी ?”' “क्या जॉन वित्किस बूथ देशभक्त था ?” टॉमी जब पहली बार वादी के रूप में श्राया, तो प्रस्ताव के विपक्ष में था : “मर्यादित राजतन्त्र की श्रपेक्षा रिपब्लिकन




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