परिशिष्टांक | Parishishhtank

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अमावसु ( सअमावस-- पुरूरवा के, उवंशी से उत्पन्न, पुत्र--१४६ । माहट--जनमेजय के सप-यज्ञ मजला एक सोप-- ११६ । ्मितौजा--एक पाञ्चाल राजा; केतमान्‌ त्रसुर का त्रशावतार पार्डव-पक्त का योद्‌घा--१४०) १४६३ । च्रमृत्त रया--सूरयवंशौ राजा गय॒ के पिता--&०२, २३०३ । अमृता--मगधदेश कौ राजकुमारी; राजा श्रनश्वान्‌ कौ रानी; पुत्र परिक्षित--र०६ | अमाघ ( १ )--एक श्रग्नि--११६० | अमेाघ ( २ ) एक यक्त--१ परे | अम्बरीष ( १ )- सूर्यवंशी राजा नाभाग कर पुच्र--५२६, ---ङी मदत्ता--६५८,--की शपथ (श्रगस्व्य के खशा न व्ुरान के सम्बन्ध मे )--४१३६। अस्बरोष ( २ )-एक नाग | अम्बप्--'सिन्ध के उत्तर का एक प्रजातन्त्र राज्य; यूनानी लेखकें ने इसे “अम्बस्तई' या “अम्बस्तनाई' लिखा है”-- ६२३,१५४५, १६.०५, १६८५, र१४६ | अम्बषएटक--कोरव-पक्त का एक राजा--२०६४,- थार श्रभिमन्यु का युद्र--२०६५ | अम्बा-- काशिराज की बड़ी लड़की; श्रम्विका श्रौर द्मम्बालिका की बहन--२२०,--ज्रर शिव का सवाद -- १८५.७-५८,-- का पुनजन्म-- १६१६, १८५६ ,--का ग्राण-त्याग--१६१६,--की कथा--१८२६-३६., १८११५. ५८ | च्रम्बाजन्म तीथ--८७४। अम्बालिका--काशिराज की कन्या; विचित्रवीयं कौ रानी; पारड़ की माता; श्रम्बा श्रौर ्रम्िका कौ बहन --२१०.-क्रा शगोर-याग--२८२ | अम्बिका ( १ )--काशिराज कौ कन्या; विचित्रवीयं कौ रानी; ध्रतराष्ट्र्‌ की माता; श्रम्बा और श्रम्बालिका की बहन--२१०.-- का शदीर-ल्यःग--२८२। अस्बिका ( २ )--एक श्रप्सरा--२७३ । अम्बिका ( ३ )--एक स्मरणीय देवी-- ४२३६ । छम्बुमती--एक नदौ--८७३ | अम्बुवाहिनी--एक नदी--१८८६. । असम्बोपाख्यानपतव--१८२६. । म्भो रुह-- विश्वामित्र का एक पुत्र--३६४७। ७ ) | श्ररुण (र) अयःशङ्‌--एक श्रसुर--१४० | अय:शिरा--एक श्रसुर; दक्षकन्या दनु का पत्र--१३५। अयति--चन्द्रवंशी राजा नहुप के पुत्र; ययाति के भाई -- १४६ | अयवाह--एक जनपद-- १८९० | ्रयुतनायी--महामोम के, सुयज्ञा से उत्पन्न, पुर; पत्नी कामा और पुत्र श्रकरोधन--२०८ । अयाध्या--कासल देश की राजधानी; सरयू नदी के तट पर रसिथित--५७५, ८१६, ६६६, १७२९२ । अयाबाह(मुज)-राजा घृतराष्टर्‌ का एक पुत्र--१४२, --का वघ--२५५३ | अरट्र--एक देश - २६६५ | अरन्तुकं तीथ--८७३। अराजकता के देष--३३६०-६१,--से क्ट-- २२६३ । अरिमेजय--वृष्णि-वंशी एक यादव--२१८८ । अरिशनेमा- काश्यप के पुत्र--१०७२,--श्रौर हेहयवंशी राजाय का सवाद-- १०७२ । अरिशरनेमि ( १ )--दक्तकन्या विनता का पुत्र-- १३६ । अरिषनमि( २)--यम की सभा का एक राजा-- ५२९६ | अरिश्नेमि (३ )--श्रीकृष्ण का एक नाम--१६५१। अरिश्नमि (४ )--पारड -पुत्र सहदेव का, श्रज्ञातवास के समय का, नाम--१३७७ । अरिशनेमि (५)--एक ऋषपि--३७त८,--श्रौर सगर का सगाद--२७८८-६०। अरि्ा--गन्धवपति हंस कौ माता-- १४१ । अरिशसुर--एक राक्तसः; श्रीकृष्ण द्वारा निहत-- १७४७। रिद ( १ )--श्रवाचौन का पत्र; माता विदेह राजकुमारी मर्यादा, पत्नी श्रङ्ग-राजकुमारी; पुत्र महाभोम 4 अरिह (२)-देवातिथि का पुत्र; माता विदेह- राजकन्या मर्यादा; पत्नौ श्रङ्ग-राजकुमारी सुदेवा; पुत्र ऋत्त; यह पूर्वोक्त श्ररिह'के वश म कुछ पीदां के बाद हुआ था--२०८ | अरुण ( १ )--कश्यप श्रौर विनता के पुत्र; सूय के सारथी; गरुड़ के बड़े भाई--५८,३१३२ | अरुण (२)--एक ऋषि--२२१३ ।




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