परिशिष्टांक | Parishishhtank
श्रेणी : कानून / Law
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
29 MB
कुल पष्ठ :
267
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अमावसु (
सअमावस-- पुरूरवा के, उवंशी से उत्पन्न, पुत्र--१४६ ।
माहट--जनमेजय के सप-यज्ञ मजला एक सोप--
११६ ।
्मितौजा--एक पाञ्चाल राजा; केतमान् त्रसुर का
त्रशावतार पार्डव-पक्त का योद्घा--१४०) १४६३ ।
च्रमृत्त रया--सूरयवंशौ राजा गय॒ के पिता--&०२,
२३०३ ।
अमृता--मगधदेश कौ राजकुमारी; राजा श्रनश्वान् कौ
रानी; पुत्र परिक्षित--र०६ |
अमाघ ( १ )--एक श्रग्नि--११६० |
अमेाघ ( २ ) एक यक्त--१ परे |
अम्बरीष ( १ )- सूर्यवंशी राजा नाभाग कर पुच्र--५२६,
---ङी मदत्ता--६५८,--की शपथ (श्रगस्व्य के खशा
न व्ुरान के सम्बन्ध मे )--४१३६।
अस्बरोष ( २ )-एक नाग |
अम्बप्--'सिन्ध के उत्तर का एक प्रजातन्त्र राज्य; यूनानी
लेखकें ने इसे “अम्बस्तई' या “अम्बस्तनाई' लिखा है”--
६२३,१५४५, १६.०५, १६८५, र१४६ |
अम्बषएटक--कोरव-पक्त का एक राजा--२०६४,- थार
श्रभिमन्यु का युद्र--२०६५ |
अम्बा-- काशिराज की बड़ी लड़की; श्रम्विका श्रौर
द्मम्बालिका की बहन--२२०,--ज्रर शिव का सवाद
-- १८५.७-५८,-- का पुनजन्म-- १६१६, १८५६ ,--का
ग्राण-त्याग--१६१६,--की कथा--१८२६-३६., १८११५.
५८ |
च्रम्बाजन्म तीथ--८७४।
अम्बालिका--काशिराज की कन्या; विचित्रवीयं कौ
रानी; पारड़ की माता; श्रम्बा श्रौर ्रम्िका कौ बहन
--२१०.-क्रा शगोर-याग--२८२ |
अम्बिका ( १ )--काशिराज कौ कन्या; विचित्रवीयं कौ
रानी; ध्रतराष्ट्र् की माता; श्रम्बा और श्रम्बालिका
की बहन--२१०.-- का शदीर-ल्यःग--२८२।
अस्बिका ( २ )--एक श्रप्सरा--२७३ ।
अम्बिका ( ३ )--एक स्मरणीय देवी-- ४२३६ ।
छम्बुमती--एक नदौ--८७३ |
अम्बुवाहिनी--एक नदी--१८८६. ।
असम्बोपाख्यानपतव--१८२६. ।
म्भो रुह-- विश्वामित्र का एक पुत्र--३६४७।
७ ) | श्ररुण (र)
अयःशङ्--एक श्रसुर--१४० |
अय:शिरा--एक श्रसुर; दक्षकन्या दनु का पत्र--१३५।
अयति--चन्द्रवंशी राजा नहुप के पुत्र; ययाति के भाई
-- १४६ |
अयवाह--एक जनपद-- १८९० |
्रयुतनायी--महामोम के, सुयज्ञा से उत्पन्न, पुर; पत्नी
कामा और पुत्र श्रकरोधन--२०८ ।
अयाध्या--कासल देश की राजधानी; सरयू नदी के तट
पर रसिथित--५७५, ८१६, ६६६, १७२९२ ।
अयाबाह(मुज)-राजा घृतराष्टर् का एक पुत्र--१४२,
--का वघ--२५५३ |
अरट्र--एक देश - २६६५ |
अरन्तुकं तीथ--८७३।
अराजकता के देष--३३६०-६१,--से क्ट--
२२६३ ।
अरिमेजय--वृष्णि-वंशी एक यादव--२१८८ ।
अरिशनेमा- काश्यप के पुत्र--१०७२,--श्रौर हेहयवंशी
राजाय का सवाद-- १०७२ ।
अरिशरनेमि ( १ )--दक्तकन्या विनता का पुत्र-- १३६ ।
अरिषनमि( २)--यम की सभा का एक राजा--
५२९६ |
अरिश्नेमि (३ )--श्रीकृष्ण का एक नाम--१६५१।
अरिश्नमि (४ )--पारड -पुत्र सहदेव का, श्रज्ञातवास
के समय का, नाम--१३७७ ।
अरिशनेमि (५)--एक ऋषपि--३७त८,--श्रौर सगर
का सगाद--२७८८-६०।
अरि्ा--गन्धवपति हंस कौ माता-- १४१ ।
अरिशसुर--एक राक्तसः; श्रीकृष्ण द्वारा निहत-- १७४७।
रिद ( १ )--श्रवाचौन का पत्र; माता विदेह
राजकुमारी मर्यादा, पत्नी श्रङ्ग-राजकुमारी; पुत्र महाभोम
4
अरिह (२)-देवातिथि का पुत्र; माता विदेह-
राजकन्या मर्यादा; पत्नौ श्रङ्ग-राजकुमारी सुदेवा; पुत्र
ऋत्त; यह पूर्वोक्त श्ररिह'के वश म कुछ पीदां के
बाद हुआ था--२०८ |
अरुण ( १ )--कश्यप श्रौर विनता के पुत्र; सूय के
सारथी; गरुड़ के बड़े भाई--५८,३१३२ |
अरुण (२)--एक ऋषि--२२१३ ।
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