ध्यानशतक | Dhyanshatak

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Dhyanshatak by हरिभद्र सूरी - Haribhadra Suri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१४२ १४४ १.४७ १४९ १५० ८५३ १५४ १५७ १५५८ १६३ १६४ १६५ १६७ १६८ १६६ १७० १७१ १७२्‌ ८ अ्रशुद्ध भा सरथं प्रधान त्करष्ट भग सेक पायस दशन सेलेर क की साक्षत्‌ जिनेश्चय न्हें गगः दशि काषायो न्दी शास्त्र मम्म घातको , उदाहरण विवागण मिठाय का, रोकना यात्स्य ; का मिलन वघ शुद्ध भी झरथेप्रघान उत्कृष्ट भग से कंसा? वायस दशन सेलेकर को साक्षात्‌ जिनेश्धर उन्हे रागः दशि कपायों इन्ही शस्त्र मम्मण घातकी उदाहरण- विवागं मिढायशशच का रोकना, यामष्स्य का मिलन; वधे




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