पतझर एक भाव - कांति | Patjhar Ek Bhav Karanti
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.52 MB
कुल पष्ठ :
276
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चद्रकला
चेंद्रकला को उद्ति देख
नीलाम गगन में
जाने कंसा होने लगता,
मेरे मन में !
7 मुझे चांद से अधिक
चॉद वी कला सुहानी
उन घोमा-जंकुर में
विधि की कला समानी 1
वह ने भुकुंटि, नख, असि ही,
मने की नाव मनोहर
प्राणों के मोहित सामर विर
मुझे अनब्वर
नागा के जग में पहुँचाती,--
जहाँ निरंतर
न्वुलने दृग सम्मुख
अमनिव्य जानंद दिगंतर
नये
जो न्हन्व-जग
रथ
ध्न्भ
हद
पतमकर : एक भाव क्रांति
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