आधुनिक राजनीतिक सिद्धान्त | Adhunik Rajaneetik Siddhant

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Adhunik Rajaneetik Siddhant by एस॰ पी॰ वर्मा - S. P. Varma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मध्याय 1 राजनीति-विज्ञान का समकालीन विकास : कि प्रकृति और क्षेत्र (८0ष्ाए70^ ४ @र्0णााा छाः एला, इदा्पटाः ६ ^+एए८ ^+ प 5८0) राजनीति-शास्तर प्राचीनतम शास्त्रो में से एक है। कई शास्त्रों ने अपना उद्गम प्रासोन यूनान गे पोज निकालने प्री. है परन्तु इत प्रयत्न में किसी को इतनी सफलता नहीं मिली जितनी राजनी ति-शास्त्र पी । मनुष्यों ने जब से समूंद बनाकर रहना आरम्भ दिया तभी ले संगठन और नियस्त्रण की समस्याएं उठी और मानव ने शवित के प्रयोग का दल और उराकी मर्यादाए क्या हो, शासकों और शक्तियों में पारस परिक सम्बन्ध कंसे हो, भौर वह सर्वश्रेष्ठ राज्य-व्यवस्था बया हो सकती है गिसमे सगठन भर नियन्त्रण की मावश्यकताओं थी पुति के साथ-साथ मानव मस्तिष्क वी स्वाधीनता को भी सुरक्षित रदा जा सके, जैसे प्रश्नों पर सोचना भारम्भ किया । ये सभी समस्याएं ऐसी हैं नो शर्ताब्दिवों से मनुष्यों के मस्तिष्क को उद्देलित करती रही है-यहं यलग वात टै कि विभिन्न युगोमे दस चिन्तन के केर्द्र-बिन्दु बदलते रहे हैं । प्राचीन राजनीतिक सिन्तकों ने अपना सारा ध्यान भादशं राज्य वी समस्या पर वे .५्द्ति विया था, सध्ययुगीन चिन्तवों ने एक ऐसी व्यवस्था का विकास करने के राश्वन्ध में सोचा जिसके अन्तुगृंत पृथ्वी पर ईश्वर के रान्य की स्थापना बी जा सके और पिछली बुछ शताब्दियों में राजनीतिक दाशंनिकों का ध्यान शवित, प्रभाव, सत्ता आदि समर्याओ पर अधिक के न्दित रद दै 1 सिछली कुछ दशास्दियों तक रागनीति-शास्त्र मे भध्ययन का बाधार सस्थागत घा और उसका दृष्टिकोण दार्शनिक था 1 ऐतिंदासिक दृष्टिकोण के सम्बन्ध में यह बहा जा सकता है कि वह सभी युगो में पाया जाता है, इस अर्थ में कि राजनीतिक चिन्तकोनेभ्राय विसीभी राजनीतिक घटना अथवा सस्था को समझने के लिए पहले उसके विवास के इतिहास को जानने और उसवा घिवरण देने का प्रयत्न किया है, बजाप इसके कि दे उस घटना अथवा सस्था वा विश्लेषण करें अपया उसके दार्शनिक तत्वों के बारे मे सोचें । इस दृष्टिकोण के प्रयोग में समय- समय पर परिवतंन होता रहा है, परन्तु 19वीं शताब्दी में विशेष रूप से ऐतिहासिक दुष्टिकोण का बोलबाला रहा 1 बाइईकान ओर सैविली के द्वारा न्याय-शास्त् के सतत मे रास्यापित ऐतिदासिक विचारधारा का राजनीति-विज्ञान के अध्ययन पर गहरा असर परडा। मनेक विद्वानों मे रांविधानों, संदघानिक वानूनों और इगलैण्ड में लोक सभा भीर सन्नाट मपवा अमरीका में का्रेस और राष्ट्रपति जेसी विभिन्‍न संहपाओं के इतिहास




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