भारतीय अर्थशास्त्र | Bhartiya Arthsastra
श्रेणी : अर्थशास्त्र / Economics
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
454
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भौगोलिक पृष्ठ भूमिका [ ११
में कौयते का बहूत वडा भडार दत्ताया जाता है परन्तु यह सव घटिया प्रकार का दै 1
परन्तु इसमें से २००० सिलियत टन ही वारखानों के काम आाने वाला है। यद्यपि
भारत से इतना अधिक कोयला है तो भी यहू अमरीदा तया ग्रेट ब्रिटेन की अपेका
चहुत कम है । अमेरिका के भष्डार का अनुमान २९,३०,००० मिलियन टन तया
ग्रेट ब्रिटेन का १/७६,००० मिलियन टन है 1
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इस समय देश में ८०० कोयले दी थाने हैं. जिनम से ७^० वगाल भौर
विहार मे हैं। फ्िछिले कुछ वर्षों से हमारे देश का कोयले का उत्पादन निरन्तर वे
रहा है । सच् १३१ में हमारा वाधिक उ यादन केवल ० २ वरोड टन था परन्तु
१९५४ में यह बढ़ कर है इद करोड़ टच तथा १६५५ मे ३८२ करोड टन, १६५६
में द €छ करोड वन, १६५७ से ४ द५ करोट बन तथा १८ से ४६१ करोड
टन हो गया । द्वितीय पचदर्योय योजना के अन्त तक इसकी उत्पलज्ञि ६ करोड टन
तक बटने की आशा है. जो प्रथम पंचवर्षीय योजना के अन्तिम वपं से २३ करोड
टन अधिक होगी । इसमे ७५ करोड यने निली केव नया चेष सादेजनिक केव दारा
उतनन किया जायेगा 1
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