शार्न्गधर संहिता | Sharngdharsanhita
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
31 MB
कुल पष्ठ :
561
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)८१२) शाइंवरसंटिता-
विषयाः पृष्टाः विषयाः पष्टाड्धाः
लि
पारेका शोधन 7 ० ३२१ | महाताटेश्वररस ऊठादिर्कोपिर ,,, ३४६
गधक्कां शोधन ... २ | कुछकुठाररसख ऊुष्टरोगपर ,.. ३४७
सिगरफसे पारा निकालनेकी विधि ३२३ | उदुयादित्यरस कुष्टपर ,०, ३५८
भिगरफरका शोधन 2 | सर्वैश्वररस ऊष्टाटिरकोपर ५ अ
शुद्ध हुए पारेके संख करनेकी विधि ) | स्वणक्षीरीरस सुतिङ्कषटपर „^ ३५०
मख ओर पक्षच्छेदनका दूखरा भकार ३२४ | प्रमेदबद्धरस प्रमेदरोगपर त त
कच्छपर्यत्र करके गधकजारण ,,, ३२५ | महावद्धिरस स्वं उदस्योगोपर ० ३५१
पारामारणकी विधि ० ३२६ । वियाधररस ग॒ल्मादिरोगोपर ० ३५२
पारदभस्म करनेका दूसरा प्रकार 5 | विनेचरस पक्ति ( परिणाम)
तीसरा प्रकार «०+०«.. देने झूलादिकोपर न 91
* चौथा प्रकार 2) | श्ूलगजकेसरीरस शूकादिकोपर ... ३५३
्वरांङ्कशरस ३२८ | सूतादिवरी मदाश्रिआदि सोगोपर,० „;
ज्वरारिरस ००० *„ ॐ | अजीणकण्टकरस अजीर्णपर „= ३५४
शीतज्वरारिस्स .,, ० ३२९ | मंथानभेरवरस कफयेगपर ,.. +
ज्वरत्री राटिका „^ ० ॐ | वातनाशनरस वातविकारपर २५५
कोकनाथरस क्षयादिरोगोपर ,, ३२० | कनकसदररस सनिपातपर = „+
प ध ०० ३३३ | सन्निपातथभैरवरस ,., ३५६
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1 ९ २५ पम वस के डी
दूखरी विधि ट ,.. ` ३३६ गरणी वज्रकपाटरस सग्रदणीपर , ३५८
महाज्वरंकुश विषमज्वरपर ,,, ३३७ मदनकामदेवरस वाजीकरणपर .... ;;
आनंद्मेरवरस अतिसारादिकॉपर: ... ३३८ | फेदपसुन्दरस्स वाजीकरणपर ९५९,
लघुसूचिकाभेरणरस सच्निपातपर +) छोहरस्ायन क्षयादिरोगोपर “= ३६१
जदचूडामणिरस सन्निपातपर ,.. ३६९ | ( क्षेपक ) जपार्शोधन भवम ददद्
पश्चवक्ररस सन्निपातपर ,.. ३४० | वच्छनाम वा सिगीजुहरा विषकी
उन्मत्तरस सन्निपातपर 4 शुद्धि ००० ददे
संनिपातपर सजन ,.. ३४१ | विषशोधनका दूसरे प्रकार .* #
नायचरस शूलादिकौपर कि मध्यमखंडः खमाप्तः ।
इच्छाभेदीरस्स शझूलादिकोॉपर क , ध
वसतङुसुमाकररस भ्रमेदादिकोंपर २४२ तृतीयः खण्डः ।
सजमरगांकरस क्षयसोगपर च सा मोन
स्वयमश्निरस क्षयादिर्कौपर ,,. ३४३ प्रथमोऽध्यायः ।
सर्यावत्तरस श्वासपर -- ३४४ | प्रथम स्तेहपानवियि स
स्वच्छैदभेरवरस वातरोगपर , ३४५ स्नेहद्वेविध्य ॥
दंखपोटलीरस सग्रहणीपर ,.. › | स्नेदका भेद र
वरिविक्रमरसर पथरीयोगपर ,„ ३४६ । स्नेह पीनेका का ति पदेप
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