आर्यों के नित्यकर्म | Aaryon Ke Nityakarm

Aaryon Ke Nityakarm by ऋषि दयानन्द - Rishi Dayanand

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्मार्यो के नित्य-कमं १५ [ग ^ ्रौोर उस के दान से हमारी रक्षा कीजिए । श्राप गाय आदि ओर घोडे आदि उत्तम पशुओं के योग से राज्य श्री का दमारे लिए प्रगट कीजिए । हे ! झाप की कृपा से लोग उत्तम मनुष्यों से बहुत वीर मनुष्य वाले अच्छे प्रकार होवें ॥ ३ ॥ उतेदानीं भगवन्तः स्यामोत, प्रपित्व उत मध्ये श्हवाम्‌ । उतोदिता मधवन्त्सर्यस्य, वयं देवानां सुमतां स्याम ॥४॥ हे भगवन्‌ ! श्रपकी कृपा ओर अपने पुरुषाथस हम रोग इस समय अक्षता, उत्तमता की प्राप्ति में ओर इन दिनों के मध्य में एश्वय युक्त और शक्तिवान होवें और हे परमपूजित असंख्य धन देने हारे सयंलोक के उदय मे पूणं विद्वाद्‌ धार्मिक झाप लोगों की अच्छी उत्तम प्रज्ञा और सुमति में हम लोग प्रवृत्त रहं ॥ ४ ॥।




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