मानव मशीन से परिचय | Manav Mashin Se Parichay

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Manav Mashin Se Parichay by ललित कुमार कोठारी - Lalit Kumar Kothari

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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6 मानव-मशीन से परिचय इस बदले हुए अनुपात के कारण नई गेंद न सिर्फ बड़ी होगी, परन्तु उसके ''स्विंग'' और ''स्पिन'' होने के गुण भी बिलकुल बदल जाएंगे। अब इसी नियम को जीवों पर लगाएं तो हम देख सकते हैं कि चूहे और हाथी में केवल यही अन्तर नहीं है कि चूहा बहुत छोटा और हाथी बहुत बड़ा है। अगर एक चूहा और एक हाथी अपना शरीर ढंकंने के लिए सूट सिलवाएं तो बेचारे चूहे को अपने भार के अनुपात में हाथी से कहीं अधिक कपड़ा खरीदना पड़ेगा। भार और सतह के इस असाधारण गणित का जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। कारण यह है कि हमें अपने शरीर का तापमान 37९ सेलसियस या 98.4० फारेनहाइट पर स्थिर रखना है जबकि हमारी सतह से गर्मी बराबर बाहर फैलती जा रही है। सभी विकसित जीवों के लिये यह आवश्यक है कि बाहर का तापमान चाहे कुछ भी हो, उनके शरीर के अन्दर का तापमान स्थिर रहे, ताकि सब क्रियाएँ सुचारू रूप से चलती रहें। अब स्पष्ट है कि जितनी विस्तृत हमारी सतह होगी उतनी ही . तेजी से गर्मी बाहर निकलेगी, और | चित्र 1




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