निशीथ सूत्र | Nishith Sutra
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
260
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)‰ 1 -. सथंजाइा वत्थाक्तिविरसामित्ति, - पायेप्िवेइ्, सिवंतवा. ` साद्रजद ॥ ३२ ॥
का ज 'मिक्खू पड़िहारियं पिप्पठयं जाइचा वत्थंब्छिदिस्लामिति, पायंछिदइ छिद्दतेवा
व साइज ॥ ३६ '॥ जे सिक्ख पड़िहारियं णहच्छेयणय जाइता णहछिदिस्सामिति ६:
ॐ ` सलुद्धरणं करेइ, करंतवा साद्रजड ॥ २४ ॥ ज भिक्ख् पडिहरियं कण्णसोहणयं र
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` जाइत्ता, कण्णमङ़ णिहरिस्सामित्ति, दृंतसख वा, णखमलं वा निहरइ, निहरावत वा'
` साइज ॥ ३५ ॥ ' ज भिक्ख अधिर् सद पचप्पिणड्र, पत्चप्पिणंतंवा साइजइ
॥ ३९५ ॥ एवं पिप्पल ॥ ३७ ॥ एषं णहच्टेवणयं । ३८ ॥ एवं कण्णंसेष्हणयं
करे कि में इस से चल्र सीवूंगा. फिर उक्त से पाका आदि अन्य सविं सावते को अच्छा जाने ॥२२॥
एस श पाडशरी कतरनी खया अर बोले कि में इस से व करूंगा ओर फिर उस से पातय
बरगेरह अन्य कतरे, कतरते को अच्छा जाने ॥३३॥ ऐसे ही नख छेंदूंगा,ऐसा कहकर नेहरनी लाया और फिर
उससे कदा निकाले निकालने को अच्छा जीने ॥ ३४५ ऐसे हो कान का मेल निकालंगा. ऐसा कहकर पाढी हारी कु
कर्णं सोधनी लाया ओर फिर उस'से दांत का तथा नखादि का मेछ निकाले निकालने को अच्छाजाने ॥३५।। जो
साघु अविधी से सूईं पीछी देषे अथात् हाथोदाय हाथ में देवे तथा फेक देवें-ऐसे हो अविधी से देते को अच्छा ‰
जाने ॥ ३६ ॥' ऐसे ही अविधी से केंची पीछी देवे देते को अच्छा जाने. ॥ ३७ ॥ पसे ही अविधीसे
+ चिदरनी भीछी देवे, देते को अच्छा जाने. ॥ ३८ ॥ ऐसे दो अधिधी से कर्ण सोधनी पीछी देवे देते के
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&ॐ षद् 111 मुन
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