जुदाई की शाम का गीत | Judai Ki Shaam Ka Geet
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
218
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about उपेन्द्रनाथ अश्क - Upendranath Ashk
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सपने ११
लगती &ै। राम-राम करके कहीं लस्ती तैयार होती है । गिलास के
ऊपर मक्खन की त्तद शरीर लस्सी की सफेद मांग से श्रॉँखों को ठडफ सो
पहुचे लगती ६ । दलवाई उख पर केवर छिड़ककर मक्खन पर चमचा
रख देता है | लेकिन श्रमी में गिलास को श्रोटों से नद्दीं लगाता कि पीछे
से गर्दन पर हवा का दलका-सा कोका लगतादै च्रोर कानों में श्रगनित
मक्खियों की मिनमिनाइट की भॉति दरदे-मरा-सा स्वर गूजने लगता है,
* एफ पेसा दिलवा दे चावू तेरी नौकरी चनी रहे . «””
विवश हो एक शर उघर देखकर श्रं किरा लेता हूँ। लेकिन लस्खी
कंठ के नीचे उतरने से इनकार कर देती दहै--रूखे, शुष्क, उलमे वाल,
श्रोखो मे कीचड़ दोतो पर पीली पीली मेल, गन्दे चीरट कपडे--
एक भिखारिन पखी से हव करती हूः कती रै--“ ्वावृ एक पला...
केवड़े कौ गन्ध मर लाती है श्रीर स्वादिष्ट लस्छी के घूट विष > घूट
वन जाते ईं ..
, ««««« सख्त भीड़ से किसी न किसी तरह गुजर कर श्रपने वच्चे
को सँमाले, श्रपनी पत्नी श्र छुली दोनों पर निगाह रखता हुश्रा, से
स्टेशन के प्लैटफ्रार्म से निकलता हूँ श्रौर तोगेवालों फे चयुल् में फंस
जाता हूँ-- कोई ट खींचता है , कोई विस्तर ; कोई गठड़ी , वच्चा
घवराकर रोने लगता है ; पत्नी परेशान-सी खड़ी रह जाती है, गर्दन
श्रौर माथे का पसीना पोते हुए मैं तॉगेवालों से भगड़ता हूँ कि--'तेरी
सुन्दर सूरत पर मर जाऊं रे वावू !.. तेरी कटीली ऐनक परे मर जाऊँ
रे वावू * का गीत गाती हुई, टखनों से ऊँचा लहंगा श्र कटी-फटी
वढी पहने एक लड़की मेरे इर्द-गिर्द घूमने लगती है | आ्रीर (माई तेरा
वचा जीवे !” श्रौर “माई तेरा मालिक जीवे! की तान लगाती हुई
उसकी वहन मेरी पत्नी को घेर लेती है । मैं जोर ज्ञोर से चाखता हूँ ;
लेकिन तोगेवालो के कोलाहल के ऊपर से कीं मेरे कानों मे ये श्रवा
श्ननवरत व्रावी रहती ई--तेरी सुन्दर सुरत... ग्रौर फिर-- म्मा तेरा
वचा... > ^
User Reviews
No Reviews | Add Yours...