चैतयचद्रोयम | Chaitayachadroyam
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
220
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१ अङ्क] चेतन्यच द्रोदयम् ११
तथापि ते मयव नियुक्ताः सन्ति प्रतिज्ञात च ते सति शि्धुतापगमे
ऽसार्भि्य परामवनीय इति तदप्यसमाव्यमेव यतः
आर म एव वयसोऽभिनवस न्यां
रक्ष्मीमिव चयुतिमती स विहाय भाय मू
सपाख्यच्निजनिदेश्मथो याया
यातश्चकार जनकस्य परेतकार्यम् ३
अपिच
तत्रैव दैववश्चत समुपेयिवास
न्यासी द्रमाश्वरपुरीमुररीचकार
शिक्षागुरुगुरुतया दश वर्णविद्या
मासाद्य माधवपुरीन्द्रवशा वशीश २१
अपिच
आगत्य स खभवन प्रियसप्रदावै.
श्रीवास राम-हरिदासंमुखै परात
गायन्नेटन्नमिनयन्विरुदन्नम द
मानन्दसि धुषु निमज्ञयति त्रिरीकीम् ३२
कृथमन्र कैमवराकोऽवसरसुपेतु
अधर्म सखे भेव बादी
उ्रेस्प्रेसपोमि शमदमनियमिर्धारणाध्यानयोंगे
युक्ताश्वापारमेष्ठय त्रिमुवनविभवे छठिताननावबोधा
कन्दर्पादी नमित्रानपि सहजतया दुजयानेव जित्वा
येन स्थ्रण निपेतु' कथय कथमसौ केन कोपों विजेय.. ३३
लि सखे कोपो वराकस्य किं करोतु तथा हि यः खट
विविधविधर्मनर्मसचिवयो सप्रपञ्चपश्चमहापापपापच्यमानमानसयो सकं
लोकोप्कवमात्रमात्रयोः परम उकयो कयोश्िद्भाक्षणचेल्यो' ऊचे
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१ द्विजबा कमैतन्यदेव २ जगन्नाथमिश्रख ३ काम
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