प्राकृत व्याकरण वृत्ति | Prakrita Vyakarana Vritti
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
374
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)८ प्राकतसूत्राध्यायत्रय्या-
रे सूत्राणि सृशरह्का | षृ सूत्राणि सत्राहा;
८१ सतो म्यस्य ७| ८५ दापि डे ४९
८४१ दिदोत्तोदु उसी ८ |. ९४ इस्वीदूता ४६
८ सोक ९ ८८ छिप र
८२ डसोऽखियां स् १० | ८८ उहताँ त्व्ममामि ४८
८९ ढेमिर् ११ | ८८ भार सुपि ४९
८२ अतो शो विषैः १९ | ८८ माहराजरा ९०
८२ सोः १६ | ८८ संहायामर ९१
८२ वैतततद् १४ | “९ मासोवबा १६
८ छते, इल् १९ | ८९ राक ९६
८२ छेदं १६ | «ष्णा ९४
८३ शितो टि १० | ८९ जपश्सूढतिक्सां गाश् ९९
८३ दो णर् १८ |. “९ णाण' िष्िदना ज ९६
23 गदया स्वति ८९ इणममामा ९५
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८३ भिरम्यल्सुपि २१ ९० रसूछसिटां णाणोडेण ९९
८३ इदुतोदिः २२ | १० पुस्याणा राजवध्वान ६०
८४ चहुरो वा ३ | ९० यो वात्ममा णिआणइआा = ६१
८४ पसो जसो डशडभो ९४ | ९१ सवादेजेताऽता ड देय
८४ इवो उतः २९ | ९१ हस्त्यल्सिम्मि ६३
ध्वमो शत २६ | ९१ अनिदमेतदुस्तु कियत्तद्
८४ भृनपि डसिकसोः २७ जिं च हि ६४
ध््येणा २८ | ९१ भामां क्सि ६९
८९ शधगनपि सो २९ | ९१ कितया सस् ६६
८९ मक् छगसम्बुद नेपः ३० | ९१ किंथत्तसथो छस् ६७
८९ दिनशिशिव जश्दासोः ३१ | ९९६त सेलार्, ६८
८१ प्रोष्य ल्वा घ॒ ३२ | ९२ किरिभागदेडारा काले ६९
८९ हते शारि ३४ | ९१ म्हाश्ते ७०
८६ दाछिष्साम् ३९ | ९९ किमे शसंडिणा ७१
८६ नातः ३६ | ९९ डॉ तदल्तु ७२
८६ षसोऽजाते्म्वा ३५ | ९२ हदमेतस्कियततदृस्ग्टो डिणा ५६३
५६ डीप प्रस्थये ३८ | ९१ श्वदित्पुपिं तदो ण ७४
८६ हरिवराच्छाये ३९ | ९ प्रतसि च किमो शकः ५९
८६ कियत्तवोऽल्वमामि भुपि ४० | ९६ इदम इम ५६
८७ स्वद्धगात. डा ४१ | ९३ इसि ना त्वयं कियामिमिकना ५५
८० डोष्ट्को तु म्बुः ४१ | ९६ अत्सुस्सिहिस्से ५८
<७ नरदस्ताडु। ४६ | ९६ यससि णः ७९
८० नोस्नि दरसू ४४ | ९६ शणं श्यम +
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