अर्थशास्त्र परिचय | Arthashastra Parichay

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Arthashastra Parichay by एस॰ एन॰ सेन - S. N. Sen

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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-------~----------- ----------- ------~ -~ ~~~ --------~ ~-~----- परिभाषा और तत्सम्बन्धी कू वाते १९ यह्‌ वाच्याश जुड़ा होता है “यदि अन्य वाते समान है” ( 00 प्पद्वु& एश ध्वृ ) 1 हम यह मान लेते है कि विशेष परिस्थिति श्रथरास्र के नियस मे एक निदिवत परिणाम निकलेगा। परन्तु यह्‌ तभी सभव कटौ तक काटपनिक है जव करि इम वीच कोई ओौर परिवर्तन न हौ जाय । परन्तु हेते है अन्य वाते सदैव समान नही रहनी है ओर इसके फलस्वरूप घर्यवस्त्रं मे कुछ विशेप तथ्यों के आधार पर कोई निष्चित परिणाम घोषित नहीं किया जा. सकता । इसीलिए युर्थनस्त्र के नियमों को काल्पनिक कहा जाता हैं । काल्पनिक कहने का कारण यह है कि इनकी सच्चाई और इनकी क्रिया अनेक बातों पर निर्भर करती है जो परिवर्नननील हैं और अनिष्चित तथा अपूर्ण हैं । इसके लिए क्रमागत उपयोगिता के निगम का उदाहरण रण लिया जा सकता है। इस नियम के अनुसार यदि किसी व्यक्ति के पास कुछ सामान है और उसमे वृद्धि हो तो सामान की प्रत्येक नयी इकाई की उस व्यक्ति के छिए सीमान्त उपयोनिता ऋमस कम होत्ती जायगी । परन्तु नियम यद नहीं बता सकता है कि वास्तव मे किस विन्दु से उपयोगिता घटने च्गेयी । यह भी समव है कि यदि वहु वस्तु एकाएक अधिक प्रयोग मे साने लगे तो उसकी उपयोगित। वास्तव मे वड जाय । परन्तु इसका यह तात्पर्य नही हैं कि आर्थिक नियम काल्पनिक हू इसलिए यह अवास्तविक और व्यर्थ है। अन्य सभी विज्ञानो के नियम भी काल्पनिक ही होते है । प्रत्येक विज्ञान मे कुछ कारणों की पूर्व कल्पना कर ली न्य विज्ञानों के {नियम जाती हैं, इन कारणों से कुछ परिणाम निकाले जाते हे और सा बहुत छुढ काठप- यह्‌ मान लिया जाता है कि इस वीच सारी स्थिति में कोई निक रेत है! परिवर्तेन नही होता है। इम अर्थ में सभी नियम काल्पनिक होते हैं । भौतिकशास्त्र मे यट माना जाता हूं कि पदार्थ एक निदिचित शवित से एक दूसरे को अपनी भोर से परन्तु टारतविक जीवन मै सदैव ऐसा होना आवश्यक नहीं है । गुरुत्वाकर्पण के नियम के अनुसार सभी चीजों को नीचे गिरना चाहिए पर सदा ऐसा नहीं होता हैं। वायमण्टल के ददाव स इन वस्तुओ के गिरने मे रुकावट पैदा हो सकती हैं। एक विदेद दवाव और तापमान मे आवक्सीजन तथा हाइड्रोजन मिलकर पानी बनाते है। विसी ने भी यह ते पर नहीं विया है कि गुरुत्दाकर्षण का नियस या रसायनदास्त्र के नियम जवास्तविर या व्यय है। विभिन्न दवितयों के सक्रिय रहने से यह सभव हैँ कि जिन परिषाम को गा पा रखी हैं वह न निवले। इस दुष्टि से सभी विलानो के कानून कात्पनिर हैं ! “वन्य एनना है कि कत्पना का तत्व अर्थशास्त्र मे सबसे लिया होता है। मीतिद भा भें विभि मे रावितियाँ सक्रिय हो सकती है फिर भी उनको नापा जा सकता है । अर आर क रि न्दत्‌ परिणाम घोपिन नही दियाजा रलम) र्थिक नियम ट्म र शृ जनमालित होने ~न २ ^ भी धः (4: ५; 1 4 जे छः दसा १ मः ५. २५ डन से तेसा दि सभी का श गान अधि ला =




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