राजस्थान की औद्योगिक अर्थव्यवस्था | Rajasthan Ki Audyogik Arthavyavastha
श्रेणी : अर्थशास्त्र / Economics
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
165
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)औद्योगिक पृष्ठभूमि 11
केन्द्रीय विनियोगों का लगभग 2 प्रतिशत अश ही याया जाता है जो कि अत्यल्प हे +
जबकि राज्य मे विभिन्न उद्योगो के विकास की प्रबल सभावनाएँ है ।
राजस्थान नियोजित विकास के साढे चार दशक पूरे कर चुका है । योजनाकाल
में औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक आधारभूत सुविधाओ के विकास के लिए राज्य
सरकार द्वारा प्रयास किये गए 1 जिससे प्रदेश पे औद्योगिक विकास का वातावरण बना
है । समग्र राज्य मे उद्योगो विशेय स्प से लघु उद्योगो का विकास हआ दै !
आज राज्य मे आधारभूत सप्वना कौ स्थिति मे सुधार आने के कारण उद्योगपति
विनियोग कएने मे उतना नहीं कतराते जितना कि पूर्व के दशको मे राज्य कै उद्योगपति
भी मावृभूमि से अपने किश्ते को देखते हए थोडी तिलाजलि देने को तत्पर है । वर्तमान
मे राजस्थान मे सूती व सिधेटिक रेशें की इकाइया, ऊनी, चीनी, सीमेट, टेलीविजन, टायर
ट्यूब फैक्ट्री, वनस्पति तेल की मौले, इजीनियरी की औद्योगिक इकाइया खनिज आधारित
बडी व मध्यम श्रेणी की इकाइया आदि है ।
राजस्थान से वर्ष 1994-95 मे मुख्य रुप से रत्न, आभूषण, टेक्सटाइल,
अभियात्रिक चस्तुएँ, रेडीमेड वस्त्र, दस्तकारी वस्तुएँ, रसायन, कृषि उत्पाद, खनिज आधारित
वस्तुओ का निर्यात किया गया । वर्प 1994 95 मे राज्य से लगभग 2800 करोड का
निर्यात किया गया जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग दो गुना हे । भ्रष्ठ निर्यातको
को राज्य में पुरस्कृत किया जाता है ।
केन्द्र सरकार ने राजस्थान के 16 जिलो को औद्योगिक विकास की दृष्टि से
पिछड़ा घोषित किया था । केन्द्रीय सब्सिडी को व्यवस्था मे पिछड़े जिलों को तीन श्रेणियो
यथा अ, ब तथा स के अन्तर्गत विभक्त किया जो इस प्रकार थे--
(अ) इसके अन्तर्गत 25 प्रतिशत सब्सिडी जैसलमेर, सिरोही चुरू व बाढमेर
जिलों के लिये रखी गई थी । ये शून्य उद्योग जिले कहलाते थे । सब्सिडी
की अधिकतम सीमा एक इकाई के लिए 25 लाख रुपए रखी गई ।
(ब) इसके अन्तर्गत 15 प्रतिशत सब्सिडी पाँच जिला अलवर, भीलवाडा
जोधपुर, नागौर व उदयपुर के लिए रखी गई तथा इसकी अधिकतम राशि
15 लाख रुपए रखी गई ।
(स) इसके अन्तर्गत 10 प्रतिशत सब्सिडी सात जिलो बासबाडा, डूगरपुर,
जालौर, झालावाड, झुन्युनू, सीकर व टोक के लिए थी तथा एक
औद्योगिक इकाई के लिए सब्सिडी को अधिकतम राशि 10 लाख रुपए
रखी गई 1
शेव 11 जिलो अजमेर, भरतपुर, बूदी, बीकानेर, चित्तौडगढ़, जयपुर, कोटा,
सवाईमाधोपुर, गगानगर, पाली व धौलपुर के लिए राज्य सरकार सब्सिडी देती थी ।
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