संस्कृत नाटकों का भौगोलिक परिवेश | Sanskrita Natakon Ka Bhaugolika Pariwesh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
202
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विषय-सूची
पृष्ठ सख्या
प्रावकयन नस
विषय-सूची ॥/
ग्रन्य-सद्धोत श्वा
श्रयम प्रध्याय 1-12
विषय-प्रवेश
1 नाटको मे भौगोलिक जानकारी की विवेचना 1
2 ब्रह्याण्ड श्रीर् पुथिवी वा भौगोलिक विभाजन 3
सातं समुद्र, दश दिशाय, सात बुल पर्वेत, चौदह
लोक, वायुमण्डल, नभोमण्डल, पृथिवौ लोक
3 भारतवर्ष का भौगोलिक विभाजन 6
द्विलोय प्रध्याय 13-40
पवेत, वन, सगेवर श्रीर समुः
13
फ पर्वत ~
विन्ध्य, पारियाभ्र, शुक्तिमान्, छ, महैन्द, सह्य,
मलय, रैवतव, हिमालय, गर्धमादन, मन्द राचल, कंलास,
हेमकूट, मेर, रौ, मनाव, सुवेल, धरिकरट, रोहणाचल,
माल्यवान्, चछषवमूक, चित्रकूट, मदगन्धीर, श्रीपर्वत
ख वन 31
विन्ध्यारण्य, दकषिणारण्य, दण्डकारण्य, जनस्थान,
पचवटी, तपनेवन, नैमिपारण्य, कुमा रदन, वेशुवन, नायवने
ग॒सरोवर--मानसरोवर, पम्पास्ररोवर 36
घ सभुद्र्मौरद्रीष 38
तृतीय प्रध्याय | 41-58
नदिया श्र उनके संगम
कावेरी, गोदावरी, गोषत्ती, गौतमी, चन्दमागा, तमसा,
तपौ, वाच्रपर्खी, वुङ्खमद्रा, नमदा, पयोष्णी, भागीरयी,
मन्दाकिनी, माचिनी, मुरला, यमुना, शिप्रा, शोण,
सरयू, सिन्पु, भन्य नदियां, नदियों वे संगम
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