श्री जैन दिवाकर स्मृति ग्रन्थ | Shree Jain Divakar Smriti- Granth
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
37 MB
कुल पष्ठ :
680
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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शुभकामना सन्देश
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विनांक १२-६-१६७०
स्वर्गीय जेन दिवाकर प्रसिद्ध वक्ता श्री चौथमलजी महाराज
साहव का स्मृति-ग्रथ प्रकारित होने जा रहा है, जानकर हार्दिक
सन्तोष हुमा 1
चौथमलजी महाराज जेन के सच्चे दिवाकर थे, उनके ज्ञान की
किरणें झोपडी से महलो तक पहुँची, वाणी के अद्भुत जादू ने वह कार्य
किया जो सत्ता अपने तलवार एव घन के बल से नहीं कर सकी ।
पतितो को पावनं बनाया, लाखो जीवो को अभयदान दिलाया, अपने
त्याग-तप से अदुभुत कार्य कर जनता को एक नई दिशा दी । बिखरे
हुए समाज को एकत्र करने का अथक प्रयास किया। उनके जीवन के
आधोपान्त कायें प्रत्येक प्राणी को अनुकरणीय हँ । इस स्मृति-ग्रन्थ के
माध्यम से उनके जीवन की कतिया प्रकाश मे लाई जाये, जो कि
मविष्य की पीठी को प्रकार-स्तम्भ का कार्यं करती रहेगी । इसी श्ुभ-
कामना के साथ |
--आचायं मानन्द प्रवि
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